नई दिल्ली। इंसान के शरीर पर दवाओं के साइड इफेक्ट को लेकर चल रही बहस के बीच बड़ी खबर आई है। देश में बिकने वाली 50 से ज्यादा दवाएं टेस्ट में फेल हो गई हैं। इसमें सबसे ज्यादा बिकने वाली दवाओं में से एक पैरासिटामॉल भी है। इसके सहित 53 दवाएं क्वलिटी टेस्ट में फेल पाई गई हैं। इनमें विटामिन, शुगर और ब्लड प्रेशर की दवाओं के अलावा एंटी बायोटिक्स भी शामिल हैं।
देश की सबसे बड़ी नियामक संस्था सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन, सीडीएससीओ ने इन दवाओं की सूची जारी की है। इस सूची में कैल्शियम और विटामिन डी 3 सप्लीमेंट्स, एंटी डायबिटीज की गोलियां और हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं शामिल हैं। क्वालिटी टेस्ट में फेल होने के बाद पाबंदी लगाई गई दवाओं की सूची में दौरे और एंग्जाइटी में इस्तेमाल की जाने वाली क्लोनाजेपाम टैबलेट, दर्द निवारक डिक्लोफेनेक, सांस की बीमारी के लिए इस्तेमाल होने वाली एंब्रॉक्सोल, एंटी फंगल फ्लुकोनाजोल और कुछ मल्टी विटामिन और कैल्शियम की गोलियां भी शामिल हैं।
ये दवाएं हेटेरो ड्रग्स, अल्केम लेबोरेट्रीज, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड, कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनियों द्वारा बनाई जाती हैं। सीडीएससीओ की 53 दवाओं की सूची में पेट के इंफेक्शन के लिए दी जाने वाली दवा मेट्रोनिडाजोल भी शामिल है। वह भी इस जांच में फेल हो गई। इसी तरह एक और बहुत ज्यादा बिकने वाली दवा शेलकाल भी क्वालिटी टेस्ट में फेल हुई है।
दवा नियामक की जांच में दवाएं फेल हो गईं उनमें से पांच दवाइयां नकली थीं। दवा बनाने वाली कंपनियों ने कहा कि ये उनकी मेडिसीन नहीं हैं, बल्कि मार्केट में उनके नाम से नकली दवाइयां बेची जा रही हैं। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इसी साल अगस्त में 156 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन, एफडीसी दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। ये आमतौर पर बुखार और सर्दी के अलावा पेन किलर, मल्टी विटामिन और एंटीबायोटिक्स के रूप में इस्तेमाल की जा रही थीं। सरकार ने कहा कि इनके इस्तेमाल से इंसानों को खतरा होने की आशंका है।