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महाराष्ट्र में आज नई सरकार!

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मुंबई/नई दिल्ली। महाराष्ट्र में मंगलवार, 26 नवंबर को नई सरकार का गठन संभव है। जानकार सूत्रों के मुताबिक दोपहर बाद राजभवन में मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। दोपहर से पहले संविधान अंगीकार किए जाने के 75 साल पूरे होने के मौके पर संविधान सदन यानी पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में विशेष सत्र का आयोजन किया गया है, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संबोधित करेंगी। इसके बाद किसी समय महाराष्ट्र के राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन नई सरकार को शपथ दिलाएंगे।

उससे पहले सोमवार को देर रात मुख्यमंत्री का फैसला किया जाएगा। सरकार गठन पर बातचीत के लिए भाजपा नेता और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस देर शाम दिल्ली पहुंचे। रात साढ़े 10 बजे के बाद उनकी मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हुई। बताया जा रहा है कि इसमें मुख्यमंत्री का नाम तय किया गया। जानकार सूत्रों के मुताबिक देवेंद्र फड़नवीस राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे। भाजपा नेतृत्व ने सोमवार को दिन में ही उनके नाम का फैसला कर लिया था। दोनों सहयोगी पार्टियों शिव सेना और एनसीपी ने भी इस पर सहमति जता दी है। दोनों पार्टियों से एक एक उप मुख्यमंत्री बनाए जाएंगे।

सरकार गठन का फॉर्मूला तय होने के बाद अब मंगलवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में औपचारिक रूप से नेता का चुनाव किया जाएगा। इसके साथ ही महायुति के विधायकों की भी बैठक होगी, जिसमें भाजपा विधायक दल के नेता को महायुति का नेता चुना जाएगा। उसके बाद सारे नेता राजभवन जाएंगे, जहां मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपेंगे और देवेंद्र फड़नवीस नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। बताया जा रहा है कि उसके तुरंत बाद नई सरकार का शपथ हो जाएगा।

असल में मंगलवार को हर हाल में नई सरकार का गठन करना होगा, नहीं तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लग जाएगा। राज्य विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को ही समाप्त हो रहा है। इसलिए सरकार गठन के लिए सिर्फ तीन दिन का समय था। बहरहाल, बताया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे की पार्टी ने आखिरी समय तक दबाव बनाए रखा कि यथास्थिति रखी जाए यानी शिंदे को ही सीएम रखा जाएगा। उनकी पार्टी की ओर से यह भी कहा गया कि बिहार के फॉर्मूले पर काम हो। गौरतलब है कि बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी को भाजपा से बहुत कम सीटें हैं फिर भी वे सीएम हैं।

हालांकि महाराष्ट्र में बिहार फॉर्मूला इसलिए लागू नहीं हुआ क्योंकि बिहार की तरह महाराष्ट्र में भाजपा या महायुति ने सीएम का दावेदार घोषित करके चुनाव नहीं लड़ा था। बिहार में एनडीए ने नीतीश के नाम पर चुनाव लड़ा था, जबकि महाराष्ट्र में कहा गया था कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री तय किया जाएगा। इस बीच एनसीपी के नेता छगन भुजबल ने यह कह कर विवाद खड़ा कर दिया कि अजित पवार को सीएम बनना चाहिए। एक चर्चा यह भी है कि पहले ढाई साल तक देवेंद्र फड़नवीस सीएम रहें और उसके बाद फिर शिंदे को सीएम बनाया जाए।

By NI Desk

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