नई दिल्ली। मणिपुर में तीन मई से कुकी और मैती समुदाय के बीच हिंसा चल रही है, जिसमें 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 78 दिन की हिंसा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार गुरुवार को इस मामले में बोले। दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाने और उनके साथ यौन हिंसा किए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री ने चुप्पी तोड़ी। उन्होंने गुरुवार को कहा कि उनका मन पीड़ा और क्रोध से भरा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन संसद भवन परिसर में प्रधानमंत्री ने कहा- मैं इस लोकतंत्र के मंदिर के पास खड़ा हूं तब मेरा ह्रदय पीड़ा से भरा हुआ है, क्रोध से भरा हुआ है। मणिपुर की जो घटना सामने आई है वह किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है। पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने हैं, और कौन कौन हैं, वह अपनी जगह पर है… लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है। उन्होंने कहा- 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों से अपने अपने राज्यों में कानून व्यवस्था को और मजबूत करने और खासकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठाने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने अपने कोई साढ़े आठ मिनट के संबोधन में कांग्रेस शासित दो राज्यों- राजस्थान और छत्तीसगढ़ का नाम लिया और वहां के मुख्यमंत्रियों के कानून व्यवस्था मजबूत करने को कहा। कांग्रेस ने इसे लेकर प्रधानमंत्री को निशाना बनाया और कहा कि प्रधानमंत्री सिर्फ 36 सेकेंड मणिपुर पर बोले। कांग्रेस ने यह भी कहा कि अपनी नाकामी छिपाने के लिए प्रधानमंत्री ने कांग्रेस शासित दो राज्यों के नाम लिए।