नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि सरकार कनाडा में गिरफ्तार आतंकवादी अर्श सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला का प्रत्यर्पण कराने की कोशिश कर रही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार को उम्मीद है कि उसको भारत को सौंप दिया जाएगा ताकि वह भारत में कानून का सामना कर सके। गौरतलब है कि अर्श डल्ला कई मामलों में वांछित है। वह कनाडा में मारे गए आतंकवादी हरदीप निज्जर का करीबी सहयोगी है।
खबर है कि खालिस्तानी आतंकवादी अर्श डल्ला को कनाडा पुलिस ने रविवार, 10 नवंबर को गिरफ्तार किया गया। भारत ने उसके प्रत्यर्पण की मांग की है। भारत का कहना है कि कनाडा को अर्श डल्ला को भारत को सौंप देना चाहिए क्योंकि उसके खिलाफ कई आतंकी मामले लंबित हैं और अगर कनाडा आतंकवाद के खिलाफ प्रतिबद्ध है तो उसे अर्श डल्ला को भारत को सौंप देना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, अर्श डल्ला को 28 अक्टूबर को मिल्टन शहर में हुई गोलीबारी में शामिल होने के संदेह में 10 नवंबर को ओंटारियो में हिरासत लिया गया था।
बहरहाल, गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा- हमने देखा है, मीडिया में 10 नवंबर से ऐसी खबरें चल रही हैं कि भारत के वांछित भगोड़े अर्श सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला को गिरफ्तार किया गया है। कनाडा के प्रिंट और विजुअल मीडिया में भी इसके बारे में विस्तार से कवरेज हुई है। ऐसा लग रहा है कि ओंटारियो कोर्ट उसके मामले की सुनवाई करने वाली है। जायसवाल ने कहा- उसकी गिरफ्तारी के बाद हमारी एजेंसियां उसके प्रत्यर्पण अनुरोध पर काम कर रही हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि वह जिस तरह के अपराधों के लिए भारत में वांछित है, उसमें कानून का सामना करने के लिए उसे भारत प्रत्यर्पित कर दिया जाएगा।