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जस्टिस वर्मा पर एफआईआर नहीं होना चिंताजनक

New Delhi, Mar 27 (ANI): Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar conducts the proceedings of the house during the Budget session of Parliament, in New Delhi on Thursday. (ANI Photo/Sansad TV)

नई दिल्ली। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर मिले नोटों के मामले में उनके खिलाफ एफआईआर नहीं होने पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि जस्टिस वर्मा के घर में मिले अधजले नोटों के मामले में तुरंत एफआईआर होनी चाहिए थी। उन्होंने सोमवार को कहा, ‘यह न केवल चिंताजनक है, बल्कि यह हमारी न्यायपालिका की नींव को हिला देने वाला है। इस मामले की जड़ तक जाने की जरूरत है। कैश कहां से आया, ये जानना बहुत जरूरी है’।

उप राष्ट्रपति ने हालांकि खुद ही कहा है कि नब्बे के दशक में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले की वजह से एफआईआर नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘केंद्र स्तर पर सरकार मजबूर है, क्योंकि नब्बे के दशक की शुरुआत में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण जज पर एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती है’। धनखड़ सोमवार को ने नेशनल एडवांस्ड लीगल स्टडीज यूनिवर्सिटी के सेमिनार में इस मसले पर अपनी बात रखी।

गौरतलब है कि जस्टिस वर्मा जिस समय दिल्ली हाई कोर्ट में जज थे उस समय 14 मार्च को  नई दिल्ली स्थित उनके घर में आग लगी थी। उनके घर के स्टोर रूम में पांच पांच सौ रुपए के जले नोटों के बंडलों से भरे बोरे मिले थे। इसके बाद से ये सवाल खड़ा हुआ कि इतनी नकदी कहां से आई। बाद में उनका तबादला इलाहाबाद हाई कोर्ट में कर दिया गया। उनके खिलाफ सरकार महाभियोग लाने की तैयारी कर रही है।

इस मसले पर उप राष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, ‘मैं न्यायपालिका की स्वतंत्रता का समर्थन करता हूं। जजों को सुरक्षा प्रदान करना जरूरी है क्योंकि वे जटिल परिस्थितियों में काम करते हैं। लेकिन जब ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, तो हमें सच का सामना करना होगा’। उन्होंने जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर मिले नकदी का हवाला देते हुए कहा, ‘यह नकदी कहां से आई? क्या यह काला धन है? इसका मालिक कौन है? इसकी जांच होनी चाहिए। यह एक आपराधिक कृत्य है, और इसके लिए तत्काल एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए’।

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