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साहित्य का नोबल दक्षिण कोरिया की हान कांग को

नई दिल्ली। मेडिसिन, फिजिक्स और केमिस्ट्री को बाद अब इस साल के साहित्य के नोबल पुरस्कार की भी घोषणा हो गई है। इस साल यह पुरस्कार दक्षिण कोरिया की हान कांग को मिला है। उन्हें जीवन की मार्मिक कहानियों को खूबसूरत अंदाज में पेश करने के लिए यह सम्मान मिला है। हान कांग ने 1993 में अपने करियर की शुरुआत कविताएं लिखने के साथ की थी। 1995 में उन्होंने कहानियां लिखना शुरू कर दिया था। हान कांग नोबल पुरस्कार जीतने वाली 18वीं और पहली कोरियाई महिला हैं।

इससे पहले उन्होंने 2016 में उपन्यास ‘द वेजिटेरियन’ के लिए मैन बुकर इंटरनेशनल प्राइज भी जीता था। इस उपन्यास ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई थी। नोबल कमेटी ने हान कांग की एक नॉवेल ‘ग्रीक लेसन’ की खासतौर पर चर्चा की है। ये एक लड़की की कहानी है जो अपने जीवन के कष्टों की वजह से आवाज खो चुकी होती है। उसकी मुलाकात ग्रीक पढ़ाने वाले एक शिक्षक से होती है जो अपनी आंखों की रोशनी खो रहा है। ये उपन्यास दो इंसानों के बीच बातचीत की बाधाएं होने के बावजूद पनपे रिश्ते को खूबसूरती से बयां करती है।

पिछले साल यानी 2023 में साहित्य का नोबल पुरस्कार नॉर्वे के लेखक जॉन फॉसे को दिया गया था। उन्हें ये पुरस्कार उनके नाटकों और कहानियों के लिए दिया गया था। उन्होंने नाटकों और कहानियों के जरिए उन लोगों को आवाज दी है जो अपनी बातें कहने में सक्षम नहीं थे।

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