नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने तत्काल सुनवाई की प्रक्रिया बदल दी है। अब किसी भी अरजेंट मसले पर तत्काल सुनवाई बहुत आसानी से नहीं होगी। चीफ जस्टिस का पद संभालने के एक दिन बाद मंगलवार को उन्होंने नियम बनाया कि अब किसी मामले की तत्काल सुनवाई के लिए उसकी लिस्टिंग मौखिक तरीके से नहीं हो सकेगी। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने मंगलवार को कहा कि वकीलों को इसके लिए ईमेल या चिट्ठी लिख कर आवेदन करना होगा।
असल में नए चीफ जस्टिस ने जरूरी सुधारों के तहत नागरिकों को ध्यान में रख कर कुछ बदलावों की रूपरेखा तैयार की है। चीफ जस्टिस खन्ना ने कहा- तत्काल सुनवाई के लिए अब तक वकील चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने मौखिक अपील कर रहे हैं, यह अब नहीं होगा। वकीलों को ईमेल भेजकर या पत्र देकर यह बताना होगा कि केस की तत्काल लिस्टिंग और सुनवाई क्यों जरूरी है। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से इस बात की आलोचना हो रही थी कि बड़े वकील किसी भी मामले की तत्काल सुनवाई करा लेते हैं, जबकि आम लोगों को लंबा इंतजार करना होता है।
गौरतलब है कि जस्टिस संजीव खन्ना ने 11 नवंबर को देश के 51वें चीफ जस्टिस की शपथ ली थी। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई थी। जस्टिस खन्ना का चीफ जस्टिस के रूप में कार्यकाल सिर्फ छह महीने का होगा। 64 साल के जस्टिस खन्ना 13 मई 2025 को रिटायर होंगे।