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थरूर के नाम पर विवाद

थरूर

नई दिल्ली। पाकिस्तान की सीमा में स्थित आतंकवादियों के ठिकानों पर भारतीय सेना की कार्रवाई की जानकारी देने के लिए विदेश दौरे पर जाने वाला सांसदों का प्रतिनिधिमंडल पहले ही विवादों में घिर गया है। केंद्र सरकार ने सांसदों के सात प्रतिनिधिमंडल बनाए हैं, जिनमें एक का नेतृत्व कांग्रेस के तिरूवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर को दिया गया है। दूसरी ओर कांग्रेस ने कहा है कि उसने सरकार को शशि थरूर का नाम नहीं दिया है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार ऐसे संवेदनशील मसले पर भी गेम खेल रही है। गौरतलब है कि थरूर पिछले कुछ दिनों से सरकार के कामकाज की तारीफ कर रहे हैं।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने भारत के सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख बताने के लिए सांसदों के सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंल बनाए हैं। सांसदों का यह समूह दुनिया के बड़े देशों, खास कर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के के सदस्य देशों का दौरा करेगा। इसमें स्थायी और अस्थायी दोनों सदस्य देश शामिल हैं। बताया जा रहा है कि 23 या 24 मई से दौरा शुरू होगा, जो 10 दिन का होगा।

सरकार ने सात प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व कांग्रेस को दिया है और नेता के तौर पर शशि थरूर का नाम दिया है। कांग्रेस ने इसका विरोध किया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘शुक्रवार, 16 मई की सुबह संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी से बात की थी। उन्होंने विदेश भेजे जाने वाले डेलिगेशन के लिए चार सांसदों का नाम मांगा था। कांग्रेस ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार के नाम दिए थे’।

हो सकता है कि ये चारों सांसद सर्वदलीय डेलिगेशन में रखे जाएं लेकिन किसी डेलिगेशन की अध्यक्षता इनमें से किसी को नहीं दी गई है। वह मौका शशि थरूर को मिला है। थरूर ने डेलिगेशन का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी मिलने पर केंद्र का आभार जताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘मैं हाल की घटनाओं पर हमारे देश का दृष्टिकोण रखने के लिए पांच प्रमुख देशों की राजधानियों में एक सर्वदलीय डेलिगेशन का नेतृत्व करने के लिए भारत सरकार के निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। जब राष्ट्रीय हित की बात होगी और मेरी सेवाओं की जरूरत होगी, तो मैं पीछे नहीं रहूंगा’।

इससे पहले शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आठ मई को केंद्र सरकार की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान और दुनिया के लिए मजबूत संदेश है। भारत ने 26 बेकसूर नागरिकों की मौत का बदला लेने के लिए सटीक कार्रवाई की। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के कई नेता ऑपरेशन सिंदूर पर केंद्र सरकार की तारीफ करने पर शशि थरूर से नाराज हैं। दिल्ली में 14 मई को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई थी। इसमें कुछ नेताओं ने थरूर की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि यह निजी विचार व्यक्त करने का समय नहीं है, बल्कि पार्टी के आधिकारिक रुख को स्पष्ट करने का समय है। इसके बाद कांग्रेस की ओर से यह भी कहा गया कि थरूर जो कुछ कह रहे हैं वह पार्टी की आधिकारिक लाइन नहीं है।

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