नई दिल्ली। बेंगलुरू में होने वाली विपक्षी पार्टियों की दूसरी बैठक में आठ नई पार्टियां शामिल हो सकती हैं। कांग्रेस पार्टी के न्योते पर इस बैठक में 25 पार्टियां शामिल हो सकती हैं। विपक्षी पार्टियों की बैठक 17 और 18 जुलाई को होगी। बैठक के पहले दिन 17 जुलाई को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी विपक्षी पार्टियों को रात्रिभोज पर आमंत्रित किया है। रात्रिभोज के बाद नेताओं की बैठक होगी। उसके बाद 18 जुलाई की सुबह से फिर दिन बैठक होगी।
सोनिया गांधी ने आम आदमी पार्टी सहित सभी पार्टियों के नेताओं को रात्रिभोज पर बुलाया है। गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 23 जून को पटना में पहली बैठक हुई थी, जिसमें आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस के स्टैंड को लेकर नाराजगी जताई थी। केजरीवाल ने कहा था कि कांग्रेस ने समर्थन नहीं दिया तो वे दूसरी बैठक में नहीं शामिल होंगे।
बहरहाल, पटना में हुई बैठक में 16 पार्टियों के नेता शामिल हुए थे। राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी पिछली बार शामिल नहीं हुए थे। इस बार की बैठक में वे शामिल होंगे। बेंगलुरू की बैठक के लिए कांग्रेस ने आठ और पार्टियों के न्योता भेजा है। इनमें तमिलनाडु की तीन पार्टियां हैं। कांग्रेस ने एमडीएमके, केडीएमके और वीसीके को न्योता दिया है। इनमें से एमडीएमके और केडीएमके पहले भाजपा के साथ गठबंधन में थे। कांग्रेस ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के साथ साथ आरएसपी, फॉरवर्ड ब्लॉक, केरल कांग्रेस (जोसेफ) और केरल कांग्रेस (मणि) को भी बुलाया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी नेताओं को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने 23 जून को पटना में हुई बैठक का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है- बैठक हमारे लिए बड़ी सफलता थी, क्योंकि हम हमारी लोकतांत्रिक राजनीति को खतरे में डालने वाले मुद्दों पर चर्चा कर पाए और अगला चुनाव एकजुट होकर लड़ने पर सहमत हुए। इसलिए हम जुलाई में फिर से मिलने पर भी सहमत हुए हैं। उन्होंने लिखा है- मेरा मानना है कि इन चर्चाओं को जारी रखना, और हमने जो मोमेंटम बनाया है, उसे आगे ले जाना, बहुत जरूरी है। जिन चुनौतियों का सामना देश कर रहा है, हमें उनका हल खोजने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।