नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में भाजपा के एक कार्यक्रम में समान नागरिक संहिता की वकालत की और कहा कि एक घर दो कानून से नहीं चल सकता है। इसे लेकर विपक्षी पार्टियों ने भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। मुख्य विपक्षी कांग्रेस से लेकर विपक्षी एकता बनाने की कोशिश कर रही जनता दल यू और ओवैसी की पार्टी ने प्रधानमंत्री के बयान पर टिप्पणी की है। कांग्रेस ने इसे ध्यान भटकाने वाला बताया है तो ओवैसी ने हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने तीन तलाक खत्म होने का भी जिक्र किया। इस पर कांग्रेस की ओर तारिक अनवर ने कहा- जब कोई कानून बनता है तो वह सभी के लिए होता है और उन्हें उसका पालन करना होता है। फिर उस बिल पर चर्चा करने की क्या जरूरत है जो पहले ही पारित हो चुका है? कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी समान नागरिक संहिता वाले बयान पर टिप्पणी की और कहा- पीएम को पहले देश में गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी के बारे में जवाब देना चाहिए। वे कभी मणिपुर मुद्दे पर नहीं बोलते, पूरा राज्य जल रहा है। वे सिर्फ इन सभी मुद्दों से लोगों का ध्यान भटका रहे हैं।
समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए जनता दल यू के नेता केसी त्यागी ने कहा- समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों और हितधारकों को शामिल किया जाना चाहिए। केसी त्यागी ने यह आरोप भी लगाया कि सिर्फ बीजेपी ही वोट बैंक की राजनीति करती है। ध्यान रहे प्रधानमंत्री ने कहा था कि विपक्षी पार्टियां वोट बैंक के लिए तुष्टिकरण की राजनीति करती हैं, जबकि भाजपा संतुष्टिकरण की राजनीति करती है।
एमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री के भाषण पर सबसे तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया की एक पोस्ट में लिखा- पीएम नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक, समान नागरिक संहिता और पसमंदा मुसलमानों पर कुछ टिप्पणी की है। लगता है मोदी जी ओबामा की नसीहत को ठीक से समझ नहीं पाए। मोदी जी ये बताइए कि क्या आप हिंदू अविभाजित परिवार को खत्म करेंगे? अवौसी ने हमला जारी रखते हुए आगे लिखा- एक तरफ आप पसमांदा मुसलमानों के लिए घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, और दूसरी तरफ आपके प्यादे उनकी मस्जिदों पर हमला कर रहे हैं, उनका रोज़गार छीन रहे हैं, उनके घरों पर बुलडोजर चला रहे हैं, उनकी लिंचिंग के जरिए हत्या कर रहे हैं।