नई दिल्ली। विपक्षी पार्टियों ने साझा तौर पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए मंगलवार को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक हुई। इसमें विपक्षी गठबंधन की 16 विपक्षी पार्टियों ने हिस्सा लिया। सभी पार्टियों ने साझा तौर पर कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में ऑपरेशन सिंदूर पर जो खुलासा किया उसके बाद संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। इससे पहले कांग्रेस, सीपीएम और तृणमूल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अलग अलग पत्र लिख कर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी।
मंगलवार को हुई बैठक के बाद तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सभी पार्टियों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। आम आदमी पार्टी बैठक में शामिल नहीं हुई। डेरेक ओ ब्रायन ने बताया कि आप आदमी पार्टी बुधवार को प्रधानमंत्री को अलग से चिट्ठी भेजेगी। बहरहाल, बैठक में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, उद्धव ठाकरे की शिव सेना, राजद, नेशनल कॉन्फ्रेंस, सीपीएम, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, सीपीआई, आरएसपी, जेएमएम, वीसीके, केरल कांग्रेस, एमडीएमके, सीपीआई माले के नेता शामिल हुए।
गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष दुनिया के सामने रखने के लिए केंद्र सरकार ने सात सर्वदलीय डेलिगेशन को दुनिया के दौरे पर भेजा था। इनका लौटना शुरू हो गया है। इस हफ्ते के अंत तक सभी डेलिगेशन वापस भारत लौट जाएंगे। विपक्ष उनके लौटने के बाद अगले हफ्ते विशेष सत्र में इस मुद्दे पर बहस की मांग कर रहा है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी डेलिगशन के सदस्यों से मिलेंगे।
मंगलवार की बैठक के बाद राजद के सांसद मनोज झा ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से सीजफायर को लेकर किए जा रहे दावे का मुद्दा उठाया और कहा कि उन्होंने 15 दिन में 13 बयान दिए। मनोज झा ने कहा कि इससे कोई सरकार आहत हो या न हो, कोई राजनीतिक दल आहत हो या न हो, हिंदुस्तान की भावना आहत हुई है। उन्होंने कहा कि इस बारे में चर्चा सोशल मीडिया, टीवी डिबेट्स में नहीं होगी। 1962 में भी चीन से युद्ध के दौरान संसद सत्र बुलाया गया था।
गौरतलब है कि सेना के सर्वोच्च पदाधिकारी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने 31 मई को सिंगापुर में एक इंटरव्यू दिया था, जिसमें उनसे भारतीय लड़ाकू विमान गिरने के बारे में पूछा गया था। जनरल चौहान ने इस पर कहा था, ‘असली मुद्दा यह नहीं है कि कितने विमान गिरे, बल्कि यह है कि वे क्यों गिरे’? यह पहला मौका था, जब भारत ने पाकिस्तान के साथ संघर्ष में अपना विमान गिरने की बात स्वीकार की थी। इसके बाद से विपक्ष ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग तेज कर दी है।