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छह महीने में 87 हजार लोगों ने छोड़ी भारत की नागरिकता

केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने दावा किया कि पिछले नौ साल में 13 लाख से ज्यादा लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी है।

 नई दिल्ली। इस साल पहले छह महीने में यानी जनवरी से जून तक भारत के 87 हजार लोगों ने देश की नागरिकता छोड़ी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में मानसून सत्र के दौरान यह जानकारी दी। इसके बाद केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने दावा किया कि पिछले नौ साल में 13 लाख से ज्यादा लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी है। बताया जा रहा है कि भारत की नागरिकता छोड़ने वाले सबसे ज्यादा लोग अमेरिका की नागरिकता ले रहे हैं।

बहरहाल, मानसून सत्र के दौरान संसद में दिए एक लिखित जवाब में जयशंकर ने कहा- 2011 से लेकर अब तक साढ़े 17 लाख लोग भारतीय नागरिकता छोड़ चुके हैं। इनमें से सबसे ज्यादा लोग अमेरिका जाते हैं। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने विदेशी मंत्री से पूछा था कि पिछले तीन सालों में कितने भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी है? इसके बाद उन्होंने किन देशों की नागरिकता हासिल की और क्या नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या 12 सालों में सबसे ज्यादा है?

जयशंकर ने जवाब में बताया कि पिछले दो दशकों में बड़ी संख्या में भारतीय दुनिया के दूसरे देशों में नौकरी की तलाश करते रहे हैं। इनमें से कई लोगों ने अपनी सुविधा के लिए दूसरे देशों की नागरिकता ली। विदेश मंत्री ने बताया कि 2020 में 85 हजार, 2021 में 1.63 लाख और 2022 में सवा दो लाख भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले में संज्ञान लिया है और मेक इन इंडिया के तहत कई ऐसे प्रयास किए हैं, जिससे देश में रहते हुए ही नागरिकों की प्रतिभा को निखारा जा सके।

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