नई दिल्ली। इस महीने 18 तारीख से होने वाले संसद के पांच दिन के विशेष सत्र को लेकर कांग्रेस ने तीखे तेवर दिखाए हैं। कांग्रेस ने कहा है कि सरकार संसद सत्र का एजेंडा नहीं बता रही है, पहले ऐसा कभी नहीं होता था। कांग्रेस ने कहा कि वह मोदी चालीसा के लिए संसद में नहीं बैठेगी। कांग्रेस ने संसद के विशेष सत्र पर विचार के लिए सोनिया गांधी के आवास 10, जनपथ पर कांग्रेस की संसदीय रणनीति समूह की बैठक की, जिसमें यह तय किया कि पार्टी अपने मुद्दे उठाती रहेगी।
रणनीति समूह की बैठक के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने कहा- पहले जब भी विशेष सत्र बुलाया गया, तब पार्टियों को मुद्दा बताया जाता था। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। हम चाहते है सामाजिक मुद्दों, आर्थिक मुद्दों, विदेश नीति जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो। हम सिर्फ मोदी चालीसा के लिए नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा- हम हर सदन में मुद्दे उठाते है, लेकिन हमें मौका नहीं दिया जाते है। इस विशेष सत्र में हम अपना मुद्दा रखना चाहेंगे।
कांग्रेस की इस बैठक के बाद रात आठ बजे विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सांसदों के साथ बैठक करेंगे। रणनीतिक समूह की बैठक के बाद गौरव गोगोई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- 18 सितंबर से संसद का विशेष सत्र शुरू हो रहा है, लेकिन बीजेपी खुद तय नहीं कर पा रही कि मुदा क्या है। ये सरकार न पारदर्शी है, न ही जिम्मेदार है। ये देश अंधेरे में है और जो भी सुनने को आ रहा है वो मीडिया के माध्यम से आ रहा है, लेकिन मौजूदा सरकार ने इसको अंधेरे में रखा है।
बाद में मंगलवार की शाम को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के नेताओं की बैठक हुई। गौरतलब है कि विशेष सत्र की घोषणा के बाद से ही चर्चा है कि दौरान केंद्र सरकार वन नेशन, वन इलेक्शन यानी एक देश एक चुनाव को लेकर बिल ला सकती है। विपक्ष के नेता इसका विरोध कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने एक सितंबर को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बनाई है।