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पाक पर मोदी का निशाना

नई दिल्ली। शंघाई सहयोग संगठन, एससीओ की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान पर निशाना साधा। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ देश आतंकवाद को नीतियों के औजार की तरह इस्तेमाल करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअल तरीके से हुई एससीओ की बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मौजूदगी में आतंकवाद को क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए प्रमुख खतरा बताया और पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि कुछ देश आतंकवादियों को पनाह देते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जो देश आतंकवादियों को पनाह देते हैं उनकी आलोचना करने से शंघाई सहयोग संगठन को कोई संकोच नहीं करना चाहिए। गौरतलब है कि एससीओ की बैठक को अंतिम समय में डिजिटल तरीके से कराने का फैसला किया गया। इसमें प्रधानमंत्री मोदी के अलावा चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ आदि ने हिस्सा लिया।

बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विवादों, तनावों और महामारी से घिरी दुनिया में खाद्यान्न, ईंधन और उर्वरक संकट सभी देशों के लिए एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि सबको मिल कर यह विचार करना चाहिए कि क्या एससीओ एक ऐसा संगठन बन रहा है, जो भविष्य के लिए पूरी तरह से तैयार है? प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई की जरूरत बताई। उन्होंने कहा- आतंकवाद चाहे किसी भी रूप में हो, किसी भी अभिव्यक्ति में हो, हमें इसके विरुद्ध मिलकर लड़ाई लड़नी होगी।

शहबाज शरीफ की मौजूदगी में प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए कहा- कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीतियों के औजार के रूप में इस्तेमाल करते हैं, आतंकवादियों को पनाह देते हैं और एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए। अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- अफगानिस्तान को लेकर भारत की चिंताएं और अपेक्षाएं एससीओ के अधिकांश देशों के समान हैं। हमें अफगानिस्तान के लोगों के कल्याण के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- भारत एससीओ के सुधार तथा आधुनिकीकरण के लिए प्रस्ताव का समर्थन करता है। उन्होंने कहा- मुझे इस बात की खुशी है कि ईरान एससीओ परिवार में नए सदस्य के रूप में शामिल होने जा रहा है। मोदी ने कहा कि पिछले दो दशकों में शंघाई सहयोग संगठन पूरे यूरेशिया क्षेत्र में, शांति, समृद्धि और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म के रूप में उभरा है।

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