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बच्चों में अंतरिक्ष को लेकर बनी जिज्ञासा मोदी

मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की हालिया वापसी ने देशभर के बच्चों में अंतरिक्ष को लेकर नयी लहर पैदा की है। उन्होंने कहा कि आज छोटे-छोटे बच्चे भी कह रहे हैं — “हम भी चाँद पर उतरेंगे, हम भी अंतरिक्ष में जाएंगे।”

रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने विज्ञान, संस्कृति और स्वदेशी प्रयासों की कई उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि देश में अब 200 से अधिक अंतरिक्ष-उद्यम स्टार्टअप सक्रिय हैं, जबकि पांच साल पहले यह संख्या 50 से भी कम थी।

मोदी ने कहा कि अगस्त 2023 में चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद देश में विज्ञान के प्रति उत्साह बढ़ा है। ‘इंस्पायर–मानक’ जैसे अभियानों से बच्चों में नवाचार को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक लाखों छात्र इस अभियान से जुड़ चुके हैं और चंद्रयान के बाद यह संख्या दोगुनी हो गई है।

प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपियाड में भारतीय छात्रों की सफलता पर भी खुशी जताई। उन्होंने कहा कि भारत ने हाल ही में आयोजित रसायन विज्ञान और गणित ओलंपियाड में पदक जीते हैं। उन्होंने छात्रों देवेश पंकज, संदीप कुची, देबदत्त प्रियदर्शी और उज्ज्वल केसरी की सराहना की। गणित ओलंपियाड में तीन स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक भारत को मिले।

अगले महीने मुंबई में खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी ओलंपियाड आयोजित होगा, जिसे अब तक का सबसे बड़ा आयोजन बताया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र के 11 और तमिलनाडु के एक किले को यूनेस्को (UNESCO) विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन, दूरदर्शिता और युद्ध-कौशल की याद दिलाई। उन्होंने प्रतापगढ़, शिवनेरी, रायगढ़ और विजयदुर्ग जैसे किलों का उल्लेख करते हुए कहा कि हर पत्थर में इतिहास है और हर दीवार में वीरता की गूंज।

मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम के योद्धा खुदीराम बोस को भी याद किया। उन्होंने कहा कि 11 अगस्त 1908 को जब उन्हें फांसी दी गई, तो वह केवल 18 वर्ष के थे, लेकिन उनके चेहरे पर डर नहीं, बल्कि गर्व था। उन्होंने इसे बलिदान की संस्कृति का प्रतीक बताया।

प्रधानमंत्री ने अगस्त को क्रांति का महीना कहा। उन्होंने लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि (1 अगस्त), ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ (8 अगस्त) और स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) की चर्चा की। साथ ही उन्होंने ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ (14 अगस्त) और ‘राष्ट्रीय हथकरघा दिवस’ (7 अगस्त) को भी स्मरण किया।

मोदी ने कहा कि वस्त्र और परिधान क्षेत्र आज तेजी से बढ़ रहा है। इसमें गांवों की महिलाएं, शहरों के डिज़ाइनर, युवा स्टार्टअप और बुजुर्ग बुनकर मिलकर योगदान दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत में 3,000 से अधिक कपड़ा-स्टार्टअप सक्रिय हैं, जो हथकरघा की वैश्विक पहचान बना रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने ‘वोकल फॉर लोकल’ को आत्मनिर्भर भारत का आधार बताया। उन्होंने कहा कि “2047 का विकसित भारत तभी संभव है जब हम स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दें। जो भारत में बना हो, जिसमें किसी भारतीय का परिश्रम हो, वही हम खरीदें-बेचें — यही संकल्प होना चाहिए।”

उन्होंने ‘स्वच्छ भारत मिशन’ की 11 साल की यात्रा को जन-आंदोलन बताया। उन्होंने कहा कि इस साल हुए स्वच्छ सर्वेक्षण में 4,500 से अधिक शहर और 15 करोड़ से अधिक नागरिक शामिल हुए। उन्होंने इसे जनभागीदारी की ताकत का प्रमाण बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देश एक विचार पर एकजुट होता है, तो असंभव भी संभव हो जाता है।

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