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यूएन में सुधार की जरूरत: मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस यात्रा से पहले वहां के एक मीडिया समूह के साथ बातचीत की और दोपक्षीय व तमाम बहुपक्षीय मसलों पर सवालों के जवाब दिए। उन्होंने फ्रेंच मीडिया हाउस ‘लेज एकॉ’ से बात की। प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार की जरूरत बताई और इस बात से नाराजगी जताते हुए कहा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है फिर भी उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जगह नहीं मिली है।

प्रधानमंत्री ने कहा- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद कैसे कह सकता है कि वो पूरी दुनिया की राय के आधार पर फैसले ले रहा है, जबकि दुनिया का सबसे बड़ी आबादी वाला देश इसका स्थायी सदस्य ही नहीं है। मोदी ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा- भारत एक समृद्ध सभ्यता है, जो हजारों वर्ष पुरानी है। आज भारत दुनिया का सबसे युवा देश है। भारत के युवा देश की संपत्ति हैं। ऐसे समय में जब दुनिया के कई देश बूढ़े हो रहे हैं और उनकी आबादी कम हो रही है, भारत के युवा और कुशल कार्यबल आने वाले दशकों में दुनिया में अहम भूमिका निभाएंगे।

फ्रांस के साथ आपसी संबंधों पर प्रधानमंत्री ने कहा- भारत और फ्रांस के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी है, इसमें राजनीतिक, रक्षा, सुरक्षा, आर्थिक, मानव केंद्रित विकास और स्थिरता सहयोग शामिल हैं। जब समान दृष्टिकोण और मूल्यों वाले देश एक साथ काम करते हैं, तो वे किसी भी चुनौती से निपट सकते हैं। रूस और यूक्रेन युद्ध पर प्रधानमंत्री ने कहा- मैंने रूसी राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से कई बार बात की है। मैं हिरोशिमा में राष्ट्रपति जेलेंस्की से मिला। हाल ही में, मैंने राष्ट्रपति पुतिन से दोबारा बात की। इस मामले में भारत का रुख स्पष्ट, पारदर्शी और सुसंगत रहा है। मैंने कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है। हमने दोनों पक्षों से बातचीत और कूटनीति के जरिए मुद्दों को सुलझाने का आग्रह किया है।

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