नई दिल्ली। भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के समूह क्वाड की बैठक में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका पहुंच गए हैं। भारतीय समय के मुताबिक रात करीब आठ बजे उनका विमान अमेरिका के फिलाडेल्फिया हवाईअड्डे पर उतरा। प्रधानमंत्री तीन दिन की अपनी इस यात्रा में संयुक्त राष्ट्र महासभा की सालाना बैठक के एक सत्र में भी शामिल होंगे। इस सत्र का नाम ‘समिट ऑफ फ्यूचर’ रखा गया है। महासभा की सालाना बैठक को संबोधित करने की बजाय मोदी इस सम्मेलन को संबोधित करेंगे। महासभा में भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर भाषण देंगे।
प्रधानमंत्री अमेरिकी समय के अनुसान सुबह 10 बजे फिलाडेल्फिया पहुंचे हैं। वहां से वे डेलावेयर जाएंगे, जहां राष्ट्रपति जो बाइडेन के गृह नगर विलिमिंगटन में क्वाड की बैठक होनी है। क्वाड बैठक के अलावा प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच दोपक्षीय बैठक भी होगी। इस बैठक में मोदी के रूस और यूक्रेन दौरे और दोनों देशों के बीच शांति समझौते के प्रयासों पर चर्चा हो सकती है। मोदी और बाइडेन के बीच मुलाकात में भारत व अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग को लेकर कोई समझौता हो सकता है।
बहरहाल, क्वाड बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा भी शामिल होंगे। इस बैठक में चीन की आक्रामकता को लेकर चर्चा हो सकती है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया है कि बैठक में चीन को लेकर चर्चा होगी। अपने अमेरिका दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी न्यूयॉर्क में भारतीय समुदाय के लोगों से मिलेंगे। साथ ही प्रमुख कंपनियों के सीईओ के साथ भी मुलाकात करेंगे।
अमेरिका दौरे के तीसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में ‘समिट ऑफ फ्यूचर’ को संबोधित करेंगे। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने इसे पीढ़ियों में एक बार होने वाला सम्मेलन करार दिया है। प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर अन्य वैश्विक नेताओं के साथ भी दोपक्षीय बैठक कर सकते हैं।
अमेरिका रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- मैं क्वाड शिखर सम्मेलन में अपने सहयोगियों राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बानीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ शामिल होने के लिए उत्सुक हूं। यह मंच हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए काम करने वाले समान विचारधारा वाले देशों के एक प्रमुख समूह के रूप में उभरा है।