Maharashtra government: महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन में पेंच फंस गया है। बताया जा रहा है कि शिव सेना ने मुख्यमंत्री का पद नहीं मिलने पर राज्य सरकार में गृह और वित्त मंत्रालय की मांग की है।
भाजपा इसके लिए तैयार नहीं है क्योंकि गृह मंत्रालय उसे खुद रखना है और वित्त मंत्रालय पहले से एनसीपी नेता अजित पवार के पास है।
गौरतलब है कि अजित पवार वित्त मंत्रालय के साथ ही उप मुख्यमंत्री का पद चाहते हैं। परंतु शिव सेना की मांग के कारण मामला उलझ गया है और इसलिए शुक्रवार को होने वाली महायुति यानी भाजपा, शिव सेना और एनसीपी की बैठक नहीं हो सकी।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार को महायुति की बैठक होने वाली थी लेकिन कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अचानक सातारा चले गए।
बताया जा रहा है कि शिंदे ने मंत्रालयों की सूची केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सौंप दी और वे इस पर फैसला करने के लिए भाजपा को कुछ समय देना चाहते हैं।
अब महायुति की बैठक एक दिसंबर यानी रविवार को होने की संभावना है। उससे पहले भाजपा विधायक दल की बैठक होगी।
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5 दिसंबर को शपथ ग्रहण
जानकार सूत्रों के मुताबिक अगले दो दिन में भाजपा के पर्यवेक्षक दिल्ली से मुंबई आएंगे। इनकी मौजूदगी में भाजपा विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि पांच दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के चुनाव नतीजे 23 नवंबर को आए थे
और महायुति को 230 सीटों का प्रचंड बहुमत मिला था लेकिन एक हफ्ते के बाद भी मुख्यमंत्री का फैसला नहीं हुआ है और न सरकार गठन की प्रक्रिया आगे बढ़ी है।
बहरहाल, कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस और एनसीपी के अजित पवार ने गुरुवार की रात दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मीटिंग की।
यह मीटिंग करीब ढाई घंटे तक चली। एकनाथ शिंदे ने आधे घंटे तक अमित शाह से अकेले मुलाकात की।
गौरतलब है कि शिंदे ने अपने को मुख्यमंत्री की रेस से हटा लिया है और उनकी पार्टी का कहना है कि वे उप मुख्यमंत्री भी नहीं बनेंगे। तभी उनको केंद्र में मंत्री पद का ऑफर भी दिया जा रहा है।