इम्फाल। मणिपुर में पिछले नौ दिन में बढ़ी हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने सोमवार को राजभवन पर ही पथराव कर दिया। इससे पहले पिछले नौ दिन में ड्रोन्स और रॉकेट बम से हमले हुए। पूर्व मुख्यमंत्री के आवास पर रॉकेट बम गिराया गया। कुकी और मैती समुदायों के बीच आमने सामने आकर गोलीबारी की गई। थानों पर हमला करके हथियार लूटने के प्रयास हुए और इन घटनाओं में आठ लोगों की मौत हो गई। इस हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों छात्रों ने सोमवार को राजभवन पर पत्थरबाजी की।
मैती समुदाय के छात्रों की ओर से राजभवन पर हुए हमले का जो वीडिया सामने आया है उसमें सुरक्षाकर्मी भी भागते दिखे। हालांकि पुलिस और सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को बैरिकेड लगाकर किसी तरह से रोका। पुलिस ने कई राउंड आंसू गैस के गोले और रबर बुलेट दागे। इसमें 20 छात्रों के घायल होने की खबर है। मैती समुदाय के ये छात्र मणिपुर में अचानक बढ़ी हिंसा घटनाओं को लेकर आठ सितंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें स्थानीय लोग भी शामिल हैं।
रविवार को किशमपट के टिडिम रोड पर तीन किलोमीटर तक मार्च के बाद प्रदर्शनकारी छात्र राजभवन और मुख्यमंत्री आवास तक पहुंच गए। छात्र राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपना चाहते थे। सोमवार को सुरक्षा बलों ने ज्ञापन सौंपने की मांग पूरी कर दी, इसके बाद भी छात्र सड़क पर प्रदर्शन करते रहे। छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक वे यहां डटे रहेंगे। इस दौरान उनकी सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई।
प्रदर्शानकारी छात्र एक और तीन अगस्त को मैती इलाकों में हुए ड्रोन हमलों का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय सुरक्षा बलों पर चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए उनसे राज्य छोड़कर जाने की मांग की। साथ ही राज्य के 60 में से 50 मैती विधायकों से अपना रुख स्पष्ट करने या इस्तीफा देने को कहा। इन छात्रों की यह भी मांग है कि राज्य में एकीकृत कमान बनाई जाए और उसका नियंत्रण मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को दिया जाए।
एकीकृत कमान का मतलब पुलिस के साथ साथ सेना और अर्धसैनिक बलों की कमान भी मुख्यमंत्री के हाथ में रहे। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह एक दिन पहले जब राज्यपाल से मिलने गए थे तब उन्होंने इसकी मांग की थी। बहरहाल, प्रदर्शनकारी छात्र पुलिस महानिदेशक और सुरक्षा सलाहकार को हटाने की भी मांग कर रहे हैं। गौरतलब है कि मणिपुर में मई 2023 से कुकी और मैती समुदाय के बीच हिंसा चल रही है। पिछले आठ दिन से हिंसा बढ़ गई है। इसमें आठ लोगों की मौत हुई है, जबकि 15 से ज्यादा घायल हैं।