नई दिल्ली। दिवाली और छठ के अवसर पर बिहार और उत्तर भारत के दूसरे हिस्सों में लोगों को ले जाने के लिए रेलवे की ओर से किए गए सारे बंदोबस्त फेल हो गए हैं। रेलवे ने कई महीने पहले ऐलान किया था कि इस बार 12 हजार स्पेशल ट्रेनें चलेंगी। लेकिन स्थिति यह है कि दिल्ली से लेकर मुंबई और सूरत तक हजारों की संख्या में लोग रेलवे स्टेशन पर या स्टेशन के बाहर पड़े रहे और ट्रेन में सवार नहीं हो सके। शनिवार और रविवार को हजारों लोग टिकट होने के बावजूद भीड़ की वजह से ट्रेन में सवार नहीं हो सके।
शनिवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहुंचे। उन्होंने भीड़ नियंत्रण की तैयारियों का जायजा लिया। रेल मंत्री ने फिर दोहराया कि त्योहारी सीजन में यात्रियों की सुविधा के लिए 12 हजार स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है और कई लोगों पर एफआईआर भी दर्ज की गई है। लेकिन हकीकत यह है कि गिनती की ट्रेनें हैं और हजारों लोग अलग अलग जगहों पर परेशान हैं।
रविवार को दिल्ली, मुंबई और सूरत से लेकर कई और शहरों में रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंड पर भारी भीड़ देखी गई। खबर है कि सूरत में हजारों लोग टिकट होने के बावजूद ट्रेन में सवार नहीं हो पाए। स्टेशन से लेकर रिहायशी इलाकों तक यात्रियों की लाइनें लग गईं। एक रिपोर्ट के मुताबिक 12 से 18 घंटे से भूखे, प्यासे लोगों की भीड़ स्टेशनों और बस स्टैंड के बाहर पड़ी रही। स्टेशनों के बाहर ट्रेन में सवार होने के लिए लोगों की दो दो किलोमीटर लंबी लाइनें देखी गई हैं।
महाराष्ट्र और गुजरात के स्टेशनों पर भीड़ को देखते हुए पश्चिम रेलवे की और से जानकारी दी गई है कि रविवार को और ट्रेनें चलेंगी। कई ट्रेनों में बोगियां भी बढ़ाई जा रही हैं। राजधानी दिल्ली के सभी रेलवे स्टेशनों पर भी पिछले कई दिनों से जबरदस्त भीड़ है। गौरतलब है कि बिहार में विधानसभा चुनाव भी है, जिसके लिए भाजपा की ओर से कई महीनों से लोगों को बाहर से अपने घर लाने के बंदोबस्त किए जा रहे हैं लेकिन सारे उपाय विफल साबित हुए हैँ।
