अयोध्या। राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर मंगलवार को धर्मध्वजा फहरा दी गई। इसके साथ ही मंदिर का कार्य संपूर्ण हो गया। पिछले साल जनवरी में मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हुई थी और एक भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर का उद्घाटन किया था। उसके 673 दिनों बाद प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण किया। सुबह 11 बज कर 50 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त में बटन दबाते ही केसरिया ध्वजा 161 फीट ऊंचे शिखर पर फहराने लगी।
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आज सदियों के घाव भर गए हैं। हम देश को गुलामी की मानसिकता से मुक्त करके रहेंगे। यह मानसिकता इतनी हावी हो गई थी कि वर्षों तक भगवान राम को काल्पनिक बताया गया’। उन्होंने आगे कहा ‘आज से 190 साल पहले 1835 में लॉर्ड मैकाले ने मानसिक गुलामी की नींव रखी थी। 2035 में उस अपवित्र घटना को दो सौ साल पूरे हो रहे हैं। हमें आने वाले 10 सालों में भारत को गुलामी की मानसिकता से मुक्त करना है’। मोदी ने कहा, ‘मैकाले ने जो सोचा था, उसका प्रभाव व्यापक हुआ। हमें विकार आ गया कि विदेशी चीज अच्छी है, हमारी चीज में खोट है। हर कोने में गुलामी की मानसिकता ने डेरा डाला है’।
मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण को लेकर मोदी ने कहा, ‘सदियों के घाव भर रहे हैं, सदियों की वेदना आज विराम पा रही है। सदियों से आस्था डिगी नहीं, एक पल भी विश्वास टूटा नहीं। धर्म ध्वजा केवल ध्वजा नहीं, बल्कि भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का प्रतीक है। इससे पहले मोदी ने मोहन भागवत के साथ मंदिर की पहली मंजिल पर बने राम दरबार में पूजा और आरती की। इसके बाद रामलला के दर्शन किए। प्रधानमंत्री ने साकेत कॉलेज से राम जन्मभूमि तक करीब डेढ़ किलोमीटर लंबा रोड शो भी किया।
