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राजकीय सम्मान के साथ रतन टाटा का अंतिम संस्कार

Mumbai, Oct 10 (ANI): The mortal remains of Ratan Tata, Chairman Emeritus, Tata Sons arrives at the Worli crematorium for his last rites, in Mumbai on Thursday. (ANI Photo)

मुंबई। टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का गुरुवार को मुंबई के वर्ली श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा को वर्ली श्मशान घाट पर श्रद्धांजलि दी। इससे पहले उनका पार्थिव शरीर एनसीपीए ग्राउंड में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था, यहां उन्हें देशभर की नामी हस्तियों ने श्रद्धांजलि दी।

दरअसल, उद्योगपति और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन नवल टाटा का बुधवार को ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। 86 वर्षीय टाटा पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें सोमवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और बुधवार को उनकी हालत काफी बिगड़ गई थी। बुधवार देर रात उन्होंने ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वहीं, उद्योगपति टाटा के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपर्दी मुर्मू और पीएम मोदी ने दुख जताया। राष्ट्रपति मुर्मू ने एक्स पर लिखा रतन टाटा के दुखद निधन से भारत ने एक ऐसे प्रतीक को खो दिया है, जिसने राष्ट्र निर्माण के साथ कॉर्पोरेट विकास और नैतिकता के साथ उत्कृष्टता का मिश्रण किया।

पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित, उन्होंने महान टाटा विरासत को आगे बढ़ाया और इसे और अधिक प्रभावशाली वैश्विक उपस्थिति प्रदान की। उन्होंने अनुभवी पेशेवरों और युवा छात्रों को समान रूप से प्रेरित किया। परोपकार में उनका योगदान अमूल्य है। मैं उनके परिवार, टाटा समूह की पूरी टीम और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा मुझे रतन टाटा के साथ अनगिनत बातचीत याद आ रहे हैं।

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जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तो मैं उनसे अक्सर मिलता था। हम विभिन्न मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करते थे। मुझे उनका दृष्टिकोण बहुत समृद्ध लगा। जब मैं दिल्ली आया तो यह बातचीत जारी रही। उनके निधन से बेहद दुख हुआ। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के साथ हैं। रतन टाटा मार्च 1991 से 28 दिसंबर 2012 तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे। उसके बाद 2016-2017 तक एक बार फिर उन्होंने समूह की कमान संभाली। बाद में वह समूह के मानद चेयरमैन की भूमिका में आ गए थे।

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