Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

जीत का जश्न मातम में बदला

बेंगलुरू। इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल के 18 साल के इतिहास में पहली बार रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू, आरसीबी ने ट्रॉफी जीती लेकिन उसकी जीत के जश्न में बड़ा हादसा हो गया। बुधवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम में जीत का जश्न चल रहा था और स्टेडियम के बाहर भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 50 लोग घायल हुए हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भगदड़ की खबर स्टेडियम के अंदर पहुंची तो आयोजकों ने कार्यक्रम में कटौती करके छोटा किया और लोगों से शांत रहने की अपील की।

इससे पहले आरसीबी की टीम मंगलवार को हुए फाइनल मुकाबले में अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में पंजाब की टीम को हरा कर ट्रॉफी जीती थी। बुधवार को टीम के बेंगलुरू पहुंचने पऱ उनका भव्य स्वागत हुआ। हवाईअड्डे पर हजारों की संख्या में समर्थक जुटे थे। हवाईअड्डे से टीम का विधानसौदा पहुंची, जहां उनका सम्मान किया गया। जिस समय हादसा हुआ उस समय आरसीबी टीम का सम्मान विधानसौदा में हो रहा था। वहां से टीम को खुली बस में चिन्नास्वामी स्टेडियम पहुंचना था लेकिन हादसे की वजह से इसे टाल दिया गया

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हादसे की जानकारी देते हुए बताया कि 11 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने इस हादसे में मरने वालों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए की आर्थिक मदद का ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि किसी को अंदाजा नहीं था कि इतनी भीड़ जुट जाएगी। सिद्धारमैया ने कहा कि 30 से 35 हजार समर्थकों के जुटने का अंदाजा था लेकिन दो से तीन लाख लोग स्टेडियम के बाहर जमा हो गए। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि हादसे ने जीत की खुशी को मिटा दिया। कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी कहा कि लाखों की भीड़ मौजूद थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु भगदड़ पर दुख जाहिर किया है। उन्होंने कहा, ‘हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। घायलों की बेहतरी के लिए प्रार्थना करता हूं’। इस बीच प्रदेश भाजपा ने इस पर राजनीति शुरू कर दी है। कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने हादसे के लिए कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, ‘राज्य सरकार को इस घटना की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। जब पूरा देश और कर्नाटक आरसीबी की जीत का जश्न मना रहा था, तब राज्य सरकार ने बिना किसी पूर्व तैयारी के विजय रैली निकालने की जल्दबाजी की, जिससे यह त्रासदी हुई’। विजयेंद्र ने कहा कि कांग्रेस सरकार को प्रचार में अधिक रुचि थी। इसका नतीजा यह हुआ कि 11 से अधिक लोगों की मौत हो गई। उन्होंने घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग की है।

Exit mobile version