Sanjay Raut defamation cases: मुंबई की एक अदालत ने गुरुवार को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता किरीट सोमैया की पत्नी मेधा किरीट सोमैया की ओर से दायर मानहानि के मामले में 15 दिन की जेल की सजा सुनायी और 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया। श्री राउत ने फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने का फैसला किया है। मझगांव मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आरती कुलकर्णी ने राज्यसभा सांसद को भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि के लिए सजा) के तहत दोषी ठहराया और उन्हें जुर्माना राशि शिकायतकर्ता को देने का निर्देश दिया, जिसके गैर सरकार संगठन (NGO) के खिलाफ उन्होंने वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाये थे।
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मैंने कोई मानहानि कहां की
अदालत ने यह आदेश श्री राउत के खिलाफ श्रीमती सोमैया की ओर से दायर दो साल पुराने मानहानि के मामले में पारित किया, जिसमें उन्होंने मीरा रोड (ठाणे) में 100 करोड़ रुपये के शौचालय निर्माण घोटाले का आरोप लगाया था। शौचालय निर्माण में श्रीमती सोमैया (Somaiya) द्वारा संचालित एनजीओ शामिल था। श्री राउत ने अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने शौचालय निर्माण के मुद्दे पर संदेह जताते हुए केवल आधिकारिक रिकॉर्ड के आधार पर सवाल पूछे थे, जिसका समर्थन सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के नेताओं ने भी किया था। उन्होंने कहा, “तो मैंने कोई मानहानि कहां की है?
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उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे
शिवसेना (UBT) नेता ने कहा कि वह इस आदेश को जल्द ही उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे। गौरतलब है कि श्री राउत (Raut) ने अन्य बातों के अलावा यह भी दावा किया था कि श्रीमती सोमैया घोटाले में शामिल थीं, जिसके बाद उन्होंने मामला दर्ज कराया था। श्रीमती सोमैया ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान अदालत के फैसले पर खुशी जताई और कहा कि न्यायपालिका में उनका विश्वास मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा मैं एक साधारण गृहिणी हूं, जो समाज सेवा और शैक्षणिक गतिविधियों में लगी हुई है, लेकिन जो कोई भी मेरे परिवार के सदस्यों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा मैं उससे लड़ूंगी।
उन्होंने कहा, “मैं अदालत के फैसले से संतुष्ट हूं। इससे अन्य लोग इस तरह के बेतुके आरोप लगाने से बचेंगे। उल्लेखनीय है कि श्री राउत (Raut) ने 2022 में श्रीमती सोमैया और उनके परिवार के सदस्यों पर कथित घोटाले का आरोप लगाया था और दावा किया था कि उनके पास इसके समर्थन में दस्तावेजी सबूत हैं लेकिन वे इसे पेश करने में विफल रहे। श्रीमती सोमैया ने पहले मुलुंड थाने में शिकायत दर्ज करायी और फिर श्री राउत के आरोपों को चुनौती देते हुए मझगांव अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया।