kisan andolan: जैसे जैसे केंद्र सरकार और किसानों की वार्ता का समय नजदीक आ रहा है वैसे वैसे किसान संगठनों की सक्रियता बढ़ रही है। रविवार, दो फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा यानी एसकेएम की एक अहम बैठक मोहाली में हुई।
बैठक के बाद किसान नेता हरिंदर सिंह लखोवाल व रमिंदर पटियाला ने प्रेस कांफ्रेंस किया और बताया कि पंजाब व हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पिछले एक साल से आंदोलन कर रहे किसानों को एकता मीटिंग के लिए 12 फरवरी का न्योता दिया गया है। हालांकि अभी तक वहां से कोई जवाब नहीं आया है।
एसकेएम की इस बैठक में किसानों ने तय कि केंद्र की ओर से जारी की गई कृषि मार्केटिंग पॉलिसी ड्रॉफ्ट के खिलाफ नौ फरवरी को देश के सभी लोकसभा व राज्यसभा सांसदों को मांग पत्र सौंपे जाएंगे।(kisan andolan)
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किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब सरकार ने भी वादा किया था कि कृषि मार्केटिंग पॉलिसी के ड्रॉफ्ट को रद्द किया जाएगा, लेकिन यह बात बयानों से आगे नहीं बढ़ पाई है।
उन्होंने कहा, ‘हमने सरकार से मांग की है कि विधानसभा का सत्र बुलाकर इसे रद्द किया जाए। हमने 15 तारीख को चंडीगढ़ स्थित किसान भवन में मीटिंग बुलाई है’।(kisan andolan)
किसान नेताओं ने बताया कि पांच फरवरी को देश के सभी राज्यों की राजधानियों में किसान मोर्चा लगाएंगे। इसमें अगले संघर्ष की रणनीति तैयार की जाएगी।
उधर फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित 13 मांगों को लेकर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है।
11 फरवरी को इस आंदोलन के एक साल होंगे। वहीं, खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल अनशन कर रहे हैं, जिसके 69 दिन हो गए हैं।(kisan andolan)
इसके आगे किसानों का फोकस इसी महीने आयोजित होने वाली तीन महापंचायतों पर है। इसके लिए पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में लोगों से बैठकें की जा रही हैं।
किसान संगठनों की कोशिश है कि 14 फरवरी को केंद्र सरकार के साथ होने वाली बैठक से पहले किसानों की पूरी ताकत दिखाई जाए।