nayaindia Security Alert In Maharashtra CM Talk To Fasting Maratha Leader महाराष्ट्र में सुरक्षा 'अलर्ट', सीएम ने अनशनरत मराठा नेता से की बात
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महाराष्ट्र में सुरक्षा ‘अलर्ट’, सीएम ने अनशनरत मराठा नेता से की बात

ByNI Desk,
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Eknath Shinde :- कुछ जिलों में हिंसा और आगजनी के एक दिन बाद, महाराष्ट्र पुलिस राज्य भर में ‘अलर्ट’ मोड पर चली गई, जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवबा संगठन के नेता मनोज जारांगे-पाटिल से बात की, जो मराठा आरक्षण के लिए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं। मंगलवार को आरक्षण सातवें दिन में प्रवेश कर गया। कई निर्वाचित नेताओं और राजनेताओं को निशाना बनाए जाने के मद्देनजर, राज्य पुलिस ने एहतियात के तौर पर विधायकों, सांसदों, मंत्रियों आदि के घरों और कार्यालयों और कुछ सरकारी विभागों और राजनीतिक दलों के कार्यालयों के बाहर व मुंबई, ठाणे, नागपुर, पुणे और राज्य के अन्य हिस्सों में सुरक्षा बढ़ा दी है। राकांपा (एसपी) विधायक संदीप आर. क्षीरसागर, राकांपा (एपी) विधायक प्रकाश सोलंके व माजलगांव नगर परिषद में बड़े पैमाने पर पथराव, आगजनी और वाहनों में आग लगाने के बाद हिंसा का केंद्र बीड जिला तीसरे दिन भी तनावपूर्ण रहा।

बीड में शिवसेना (यूबीटी) नेता के कार्यालय को भी जला दिया गया, जबकि छत्रपति संभाजीनगर में भाजपा विधायक प्रशांत बंब के कार्यालय को आग लगा दी गई। हिंसा पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए, बीड और उस्मानाबाद कलेक्टरेट ने सोमवार देर रात निषेधाज्ञा लागू करते हुए जिलों में अनिश्चित काल के लिए पांच या अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया और मंगलवार को बीड में इंटरनेट सेवाओं को 24 घंटे के लिए निलंबित कर दिया गया। हिंसा का सबसे ज्यादा असर बीड पर पड़ा और 100 से ज्यादा बसें, सरकारी और निजी वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए या जल गए, हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ।

समझा जाता है कि सीएम ने जारांगे-पाटिल को सोमवार के सरकार के फैसले, सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे के जाति पैनल की प्रारंभिक रिपोर्ट से अवगत कराया और साथ ही मराठा नेता से अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की अपील की। विपक्षी महा विकास अघाड़ी ने राज्यपाल से मराठा आरक्षण मुद्दे और राज्य की अन्य ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा के लिए विधानमंडल का एक विशेष सत्र बुलाने का आह्वान किया है। इस बीच, कई जिलों के 4,000 से अधिक गांवों ने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है, और अब वे तालुका स्तर पर उनके प्रवेश पर रोक लगाने की योजना बना रहे हैं। मराठा आरक्षण के समर्थन में अब तक दो सांसदों और दो विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है, और अधिक के भी ऐसा करने की संभावना है। (आईएएनएस)

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