भारतीय शेयर बाजार सोमवार को हाहाकार मचा। बाजार खुलने के साथ ही चार हजार अंक गिर गया। हालांकि बाद में इसने थोड़ी रिकवरी की फिर भी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई का संवेदी सूचकांक 22 सौ से ज्यादा अंकों की गिरावट के साथ बंद हुई। निफ्टी में भी सात सौ से ज्यादा अंकों की गिरावट रही। सोमवार, सात अप्रैल को हुई भारी गिरावट से एक दिन में शेयर बाजार में भारतीय निवेशकों के 15 लाख करोड़ रुपए डूब गए। यह एक साल की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट रही।
बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक 2,226 अंक यानी 2.95 फीसदी गिर कर 73,137 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में 742 अंक यानी 3.24 फीसदी की गिरावट रही, यह 22,161 के स्तर पर बंद हुआ। इससे पहले चार जून 2024 को बाजार 5.74 फीसदी गिरा था। सोमवार को बीएसई सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 29 में गिरावट रही। टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और लार्सन एंड टुब्रो के शेयर में सात फीसदी तक गिरावट रही। जोमैटो एकमात्र कंपनी रही, जिसका शेयर ऊपर चढ़ा। यह 0.17 फीसदी चढ़ कर बंद हुआ।
टैरिफ वॉर से बाजार में भारी गिरावट, 15 लाख करोड़ का नुकसान
उधर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई के सेक्टोरल इंडेक्स में निफ्टी मेटल सबसे ज्यादा 6.75 फीसदी गिरा। रियल्टी शेयरों में 5.69 फीसदी गिरावट रही। ऑटो, फार्मा, सरकारी बैंक, ऑयल एंड गैस और आईटी सेक्टर चार फीसदी तक नीचे बंद हुए। शेयर बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जैसे को तैसा शुल्क लगाने की वजह से बाजार में गिरावट हुई है। असल में अमेरिकी विशेषज्ञों ने सोमवार को वहां के शेयर बाजार में ब्लैक मंडे जैसी भारी गिरावट की आशंका जताई थी। उसी चिंता में सोमवार की सुबह भारतीय बाजार इतनी बुरी तरह गिरा।
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गौरतलब है कि अमेरिका ने भारत पर 26 फीसदी शुल्क लगाने का ऐलान किया है। भारत के अलावा चीन पर 34 फीसदी, यूरोपीय संघ पर 20 फीसदी, दक्षिण कोरिया पर 25 फीसदी, जापान पर 24, वियतनाम पर 46 और ताइवान पर 32 फीसदी टैरिफ लगेगा। दूसरी ओर चीन ने शुक्रवार को अमेरिका पर 34 फीसदी जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया। अमेरिका के शुल्क बढ़ाने और दुनिया में टैरिफ वॉर शुरू होने से आर्थिक मंदी की आशंका जताई जा रही है। यह भी एक कारण रहा कि शेयर बाजार में इतनी गिरावट हुई। मांग कम होने की आशंका में पहले ही कच्चे तेल की कीमतें कम होने लगीं।
बहरहाल, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का मिडकैप इंडेक्स 1,850 अंक यानी 4.60 फीसदी की गिरावट के साथ 38,630 के स्तर पर आ गया है। वहीं स्मॉलकैप इंडेक्स में 2,860 अंक यानी 6.20 फीसदी की गिरावट हुई। यह 42,999.82 अंक पर रहा। शेयर बाजार में बिकवाली से निवेशकों की संपत्ति करीब 15 लाख करोड़ रुपए घट गई है। शुक्रवार, चार अप्रैल को बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का ओवरऑल मार्केट कैप 404 लाख करोड़ रुपए था जो सोमवार बाजार बंद होने के बाद लगभग 389 लाख करोड़ रुपए रह गया है।
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