नई दिल्ली। भारत के अंतरिक्ष अभियान को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला एक्सिओम मिशन 4 के तहत बुधवार, 25 जून को अंतरिक्ष में पहुंचे। वे अंतरिक्ष में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय हैं। गुरुवार की शाम को साढ़े चार बजे उनका अंतरिक्ष यान अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन यानी आईएसएस से जुड़ेगा और इसके साथ ही आईएसएस पर पहुंचने वाले शुभांशु पहले भारतीय बनेंगे। गौरतलब है कि उनका यह अंतरिक्ष मिशन छह बार टल चुका था। लेकिन बुधवार को तीन अन्य एस्ट्रोनॉट के साथ वे आईएसएस के लिए रवाना हुए।
अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद शुभांशु ने कहा कि उनके कंधे पर लगा तिरंगा बताता है कि वे सभी देशवासियों के साथ हैं। उन्होंने अपने संदेश में कहा, ‘नमस्कार मेरे प्यारे देशवासियों! क्या सफर है! 41 साल बाद हम फिर अंतरिक्ष में हैं। यह एक अद्भुत सफर है। हम पृथ्वी के चारों ओर साढ़े सात किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से चक्कर लगा रहे हैं। मेरे कंधे पर लगा तिरंगा मुझे बताता है कि मैं आप सब लोगों के साथ हूं’। शुभांशु शुक्ला ने आगे लिखा, ‘मेरी यह यात्रा अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन तक की शुरुआत नहीं है, बल्कि भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है। मैं चाहता हूं कि आप सभी इस यात्रा का हिस्सा बनें। आपके सीने में भी गर्व की अनुभूति होनी चाहिए.. आइए मिल कर भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत करें। जय हिंद! जय भारत!’
मिशन की लॉन्चिंग सफल होने पर शुभांशु के माता और पिता आशा शुक्ला और शंभु दयाल शुक्ला भावुक हो गए। उन्होंने बेटे की सफलता पर ताली बजाकर खुशी जताई। मिशन भारतीय समय के अनुसार दोपहर करीब 12 बजे फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया। स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से जुड़े ड्रैगन कैप्सूल में सभी एस्ट्रोनॉट ने उड़ान भरी। ये स्पेसक्राफ्ट करीब साढ़े 28 घंटे के बाद 26 जून को शाम साढ़े चार बजे आईएसएस से जुड़ेगा। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और भारतीय एजेंसी इसरो के बीच हुए करार के तहत भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को इस मिशन के लिए चुना गया है। शुभांशु से 41 साल पहले राकेश शर्मा 1984 में सोवियत संघ के अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष में गए थे।