relations India and China : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट किया है कि भारत और चीन के संबंधों में बहुत मामूली सुधार हुआ है।
मंगलवार को उन्होंने भारत और चीन सीमा विवाद पर संसद को जानकारी दी। विदेश मंत्री ने सदन में कहा कि भारत और चीन बातचीत और कूटनीति के जरिए सीमा विवाद सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में पूरी तरह से डिसइंगेजमेंट हो चुका है। लेकिन वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर अब भी कई इलाकों में विवाद है।
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भारत और चीन के रिश्ते सामान्य नहीं
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत का मकसद ऐसा समाधान निकालना है, जो दोनों देशों को मंजूर हो। उन्होंने संसद में कहा- 2020 के बाद से भारत और चीन के रिश्ते सामान्य नहीं हैं।
बॉर्डर पर शांति भंग हुई थी, तब से दोनों देशों के रिश्ते ठीक नहीं हैं। हालांकि हाल ही में हुई बातचीत से स्थिति में कुछ सुधार हुआ है।
विदेश मंत्री ने बताया कि भारत और चीन के बीच रिश्ते बेहतर करने के लिए उनकी चीनी विदेश मंत्री से बातचीत हुई।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपने समकक्ष चीनी नेता से बातचीत की। इसके अलावा राजनयिक स्तर पर वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कोऑपरेशन एंड कोऑर्डिनेशन यानी डब्लुएमसीसी और सैन्य स्तर पर वरिष्ठ सैन्य कमांडरों यानी एसएचएमसी की बैठकें होती हैं।
जून 2020 से अब तक डब्लुएमसीसी की 17 और एसएचएमसी की 21 बैठकें हुईं, तब जाकर 21 अक्टूबर 2024 को देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों पर समझौता हुआ।
सितंबर 2022 से इन मुद्दों पर चर्चा चल रही थी, जब हॉट स्प्रिंग्स पर अंतिम समझौता हुआ था।
विदेश मंत्री ने संसद में बताया कि जून 2020 की गलवान झड़प में 45 साल बाद पहली बार सैनिकों की जान गई और सीमा पर भारी हथियार तैनात हुए। भारत ने इस चुनौती का मजबूती से सामना किया।