भुवनेश्वर। ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथयात्रा के तीसरे दिन रविवार को तड़के करीब चार बजे भगदड़ मच गई। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 घायल हो गए। घायलों में छह की हालत गंभीर बताई जा रही है। हादसा जगन्नाथ मंदिर से करीब तीन किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर के सामने हुआ। वहां भगवान जगन्नाथ के नंदीघोष रथ के दर्शन करने के लिए भारी भीड़ जुटी थी, इसी दौरान भगदड़ मची। गौरतलब है कि इस साल भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में सामान्य से काफी ज्यादा भीड़ जुटी, जिससे रथयात्रा आगे नहीं बढ़ पा रही थी। दूसरे दिन किसी तरह भगवान का रथ गुंडिचा मंदिर तक पहुंचा।
भगदड़ को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने माफी मांगी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘मैं और मेरी सरकार भगवान जगन्नाथ के सभी भक्तों से व्यक्तिगत रूप से क्षमा मांगते हैं। यह लापरवाही माफ करने लायक नहीं है’। इसके बाद राज्य सरकार ने पुरी के कलेक्टर और एसपी का तबादला कर दिया। चंचल राणा को नया कलेक्टर और पिनाक मिश्रा को नया एसपी बनाया गया है। साथ ही लापरवाही बरतने के आरोप में डीसीपी और कमांडेंट को निलंबित कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि गुंडिचा मंदिर में बलभद्र और सुभद्रा के रथ पहले पहुंच चुके थे। जगन्नाथ रथ बाद में पहुंचा, जिससे लोगों में उसके दर्शन करने की होड़ लग गई। इसी दौरान भगदड़ मची, जिसमें गिरने से कई लोग कुचल गए। बताया जा रहा है कि घटना के समय वहां पर्याप्त पुलिस बल तैनात नहीं था। इससे पहले शुक्रवार, 27 जून को देवी सुभद्रा के रथ के आसपास भीड़ का दबाव बढ़ने से छह सौ से ज्यादा श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ गई थी। प्रशासन के मुताबिक 70 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।