बेंगलुरू। तमिलनाडु को कावेरी का पानी छोड़े जाने के विरोध में शुक्रवार को कर्नाटक बंद रहा। इस बंद का व्यापक असर दिखा। राजधानी बेंगलुरू सहित कई इलाकों में स्कूल व कॉलेजों में छुट्टी कर दी गई थी। बंद की वजह से कई जगह ट्रेनों का परिचालन बाधित हुआ और सड़क परिवहन भी प्रभावित हुआ। बेंगलुरू की कुल 44 उड़ानों को रद्द करना पड़ा। बंद लागू कराने में लगे संगठनों के कई लोगों को हिरासत में लिया गया।
कई कन्नड़ और किसान संगठनों ने इस बंद का आह्वान किया था। उन्होंने शुक्रवार को सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक 12 घंटे का बंद बुलाया था। बंद का व्यापक स्तर पर असर देखा गया। राजधानी बेंगलुरू और मांड्या में प्रशासन ने स्कूलों और कॉलेजों में पहले ही छुट्टी का ऐलान कर दिया था। बेंगलुरू में केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर आने-जाने वाली 44 उड़ानों को रद्द कर दिया गया। कुछ ट्रेनों के रूट पर भी असर पड़ा। पुलिस ने इस सिलसिले में 50 प्रदर्शकारियों को हिरासत में लिया।
गौरतलब है कि 13 सितंबर को कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण यानी सीडब्लुएमए ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया कि कर्नाटक अगले 15 दिन तक तमिलनाडु को कावेरी नदी से पांच हजार क्यूसेक पानी दे। कर्नाटक के किसान संगठन, कन्नड़ संस्थाएं और विपक्षी पार्टियां इसी फैसले का विरोध कर रही हैं। तभी राज्य की मुख्य विपक्षी बीजेपी, जनता दल एस और कन्नड़ फिल्म जगत की हस्तियों ने भी बंद के समर्थन में राज्य के विभिन्न जिलों में प्रदर्शन किया।
इससे पहले 26 सितंबर को बेंगलुरू बंद के दिन दो सौ से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। बहरहाल, शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने हाईवे, टोल गेट्स, रेल सेवाएं बंद कराने की कोशिश की। कर्नाटक बंद के कारण जरूरी चीजों की दुकानों को छोड़कर सभी दुकानें, शॉपिंग मॉल, मूवी थिएटर्स, होटल और रेस्तरां बंद रहे। मेट्रो-बस सर्विस चल रही है, लेकिन विरोध-प्रदर्शन के चलते लोग कम निकले। कर्नाटक बंद के दौरान कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। बेंगलुरू, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, रामानगर और हसन में धारा 144 लागू की गई थी।