इंफाल। मणिपुर में हालात सामान्य होने का दावा किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि तीन मई से शुरू हुई हिंसा अब खत्म हो रही है। लेकिन हकीकत अलग है। खबर है कि राजधानी इंफाल में बचे हुए 10 कुकी परिवार भी राजधानी छोड़ कर पहाड़ों में चले गए हैं। दो दिन पहले रात के अंधेरे में कुकी परिवारों ने पलायन किया और राजधानी छोड़ कर पहाड़ों में चले गए, जहां बहुसंख्यक आबादी कुकी-जोमी समुदाय की है।
हालांकि एक खबर यह भी है कि उन्हें जबरन राजधानी से निकाला गया। बताया जा रहा है कि सरकार की तरफ से इन कुकी परिवारों को दो सितंबर को कांगपोकपी जिले में शिफ्ट किया गया। एक अधिकारी का कहना है कि कांगपोकपी जिला कुकी समुदाय बहुल है, ऐसे में वे सुरक्षित रहेंगे। इन परिवारों को कांगपोकपी के मोटबंग ले जाया गया है। इसका मतलब है कि कुकी और मैती दोनों समुदायों के बीच नफरत और विभाजन इतना ज्यादा बढ़ गया है कि दोनों समुदाय एक साथ नहीं रह सकते हैं। गौरतलब है कि तीन मई से शुरू हुई हिंसा में करीब 175 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं।
इस बीच मणिपुर सरकार ने सेना के रिटायर कर्नल नेक्टर संजेनबम को राज्य पुलिस में वरिष्ठ अधीक्षक नियुक्त किया है। बताया जा रहा है कि संजेनबम अगले पांच साल तक इस पद पर रहेंगे। उन्होंने 2015 के म्यांमार सर्जिकल स्ट्राइक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्हें कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र से भी सम्मानित किया जा चुका है, जो शांतिकाल का दूसरा और तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है। मणिपुर सरकार की ओर से जारी एक आदेश में बताया कि 12 जून के कैबिनेट फैसले के बाद यह नियुक्ति की गई है। उनको राज्य में शांति बहाली का जिम्मा दिया गया है। गौरतलब है कि राज्य में 29 अगस्त को फिर से हिंसा भड़की थी, जिसमें दो सितंबर तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है।