इम्फाल। मणिपुर में छह महीने से ज्यादा समय से चल रही जातीय हिंसा के बीच शनिवार को राज्य की 10 पार्टियों के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओकरम इबोबी सिंह भी शामिल थे। पार्टियों ने राज्यपाल को एक ज्ञापन दिया। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दखल दिए बिना राज्य में शांति कायम नहीं हो सकती। प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं ने यह भी कहा कि कुकी और मैती दोनों समुदायों के बीच जल्दी शांति वार्ता कराई जाए।
इस बीच मणिपुर में कुकी समुदाय के सबसे बड़े संगठन इंडिजेनस ट्राइबल लीडर्स फोरम यानी आईएलटीएफ के महासचिव मुआन टोम्बिंग के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बुधवार को केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि दो हफ्ते में मणिपुर में हमारी अलग सरकार बनवाएं या फिर हम खुद बनाएंगे। टोम्बिंग की इस चेतावनी के बाद उनके खिलाफ चुराचांदपुर थाने में केस दर्ज किया गया है।
उनके खिलाफ भारतीय दंड विधान यानी आईपीसी की धारा 121ए, 124ए, 153 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इन धाराओं में भारत सरकार के खिलाफ साजिश, दंगा भड़ाकाना, लोगों को उकसाना, देशद्रोह के साथ अन्य आपराधिक साजिश शामिल हैं। मुआन टोम्बिंग ने बुधवार को अल्टीमेटम दिया था कि उन्हें अलग प्रशासन नहीं दिया गया तो वे दो हफ्ते बाद चुराचांदपुर, कांगपोकपी और टैंग्नोपोल जिलों में एक समानांतर प्रशासन बना लेंगे। यहां मणिपुर सरकार का दखल नहीं चलेगा।