मुंबई। मराठा आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों से महाराष्ट्र की सरकार ने माफी मांगी है। आंदोलनकारियों के ऊपर हुए लाठीचार्ज को लेकर सरकार ने माफी मांगी है और कहा कि लाठीचार्ज का आदेश सरकार की ओर से नहीं दिया गया था। पुलिस की ओर से बताया गया था कि एक सितंबर को जालना में आंदोलनकारियों की ओर से पुलिस पर पथराव किया गया, जिसकी वजह से पुलिस को लाठी चलानी पड़ी और रबड़ की बुलेट से फायरिंग भी करनी पड़ी। इस घटना के बाद से आंदोलनकारी उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से माफी की मांग कर रहे थे।
बहरहाल, सोमवार को मराठा आरक्षण को लेकर कैबिनेट की सब कमेटी की बैठक हुई, जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और अजित पवार शामिल हुए। बैठक के बाद देवेंद्र फड़नवीस ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा- जालना में जो कुछ भी हुआ वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था। हमले में निर्दोष लोग घायल हुए। मैं सरकार की ओर से माफी मांगता हूं। फड़नवीस ने बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में हुई उच्च स्तरीय बैठक में संभाजी राजे, उदयनराजे और माराठा संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
उप मुख्यमंत्री फड़नवीस ने कहा- मैं महाराष्ट्र सरकार के पिछले कार्यकाल में राज्य का गृह मंत्री था। मराठा संगठनों की ओर से दो हजार से अधिक विरोध प्रदर्शन किए गए थे। मैं जालना की घटना के लिए बतौर गृहमंत्री माफी मांगता हूं। उन्होंने आरोप लगाया कि घटना को लेकर अब सियासत शुरू हो गई है और पूरे मामले पर राजनीति की रोटी सेंकी जा रही है। जालना में हिंसा को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ एक नैरेटिव सेट किया जा रहा है। उन्होंने कहा- यह बताने का प्रयास किया जा रहा है कि राज्य सरकार ने लाठीचार्ज करने का निर्देश दिया था, लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि सरकार की ओर से ऐसे कोई भी निर्देश नहीं दिए गए थे। इसे एसपी स्तर के अधिकारी दे सकते हैं।