इंफाल। मणिपुर में गोलीबारी और तीन लोगों की हत्या के बाद पिछले तीन दिन से राज्य में महिलाओं का प्रदर्शन चल रहा है। गौरतलब है कि शुक्रवार, 18 अगस्त को उखरुल जिले में थोवाई कुकी गांव पर हमला हुआ था और गोलीबारी की घटना हुई थी। बाद में सुरक्षा बलों की तलाशी में तीन शव बरामद हुए थे, जो स्थायी वांलटियर्स के थे। उनके शरीर पर तेज चाकू से काटे जाने का निशान था।
इस हमले के विरोध में कांगपोकपी में तीन दिन से महिलाओं का प्रदर्शन जारी है। ये महिलाएं राष्ट्रीय राजमार्ग-दो पर पोस्टर लेकर बैठी हैं। इनकी मांग है कि पहाड़ी इलाकों में सशस्त्र सीमा बल यानी बीएसएफ और असम राइफल्स को तैनात किया जाए। इन लोगों ने विवादों में रहे सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून या अफ्सपा को दोबारा लागू करने की मांग भी की है। गौरतलब है कि इंफाल में सात विधानसभा के कुल 19 पुलिस स्टेशनों को अभी अफ्सपा से बाहर रखा गया है।
इस बीच खबर है कि मणिपुर पुलिस ने 20 मुकदमे सीबीआई को सौंपे हैं। इनमें दो मामले प्रमुख हैं। पहला, सात साल के एक बच्चे को उसकी मां और एक दूसरी रिश्तेदार सहित एंबुलेंस में जला दिए जाने का है और दूसरा एक महिला के यौन शोषण का है, जिसमें एक मैती महिला ने आरोप लगाया था कि तीन मई को कुकी नेताओं ने उसके साथ रेप किया था। गौरतलब है कि मणिपुर में तीन मई से चल रही जातीय हिंसा में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की अनेक शिकायतें हैं, जिनको देखते हुए सीबीआई ने अपनी जांच टीम में बड़ी संख्या में महिला अधिकारियों को शामिल किया है।