इम्फाल। मणिपुर में तीन मई से चल रही जातीय हिंसा थम नहीं रही है और इस बीच कुकी बहुल इलाकों में पुलिस कमांडो की तैनाती बढ़ाई गई है, जिसका विरोध हो रहा है। गौरतलब है कि मणिपुर के सीमावर्ती इलाकों में पुलिस कमांडो की संख्या बढ़ाई गई है। इसके खिलाफ म्यांमार की सीमा से लगे मोरे शहर में आदिवासी महिलाओं के एक समूह ने विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है।
आदिवासी संगठनों कुकी इंपी और कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी ने दावा किया है कि शहर में इम्फाल घाटी से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया जा रहा है। इससे शांति भंग हो सकती है। इस बीच राज्य में हो रही हिंसा की घटनाओं को लेकर इंटरनेट पर पाबंदी 26 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है। कुकी इंपी संगठन का दावा है कि शहर के बफर जोन में अर्धसैनिक बल और भारतीय सेना के जवान काफी संख्या में तैनात हैं। इसके बावजूद कुकी बहुल शहर टेंग्नौपाल जिले के मोरेह में रात को हेलीकॉप्टर से अतिरिक्त मैती पुलिस की तैनाती की जा रही है।
आदिवासी संगठनों दावा किया कि इम्फाल पूर्वी जिले में हाल के अभियानों में हथियारों और गोला-बारूद की बरामदगी कुकी समुदाय को बदनाम करने के लिए की गई है। इसलिए भी वे प्रदर्शन कर रहे हैं। दूसरी ओर सैन्य अधिकारियों का कहना है कि असम राइफल्स के एक कमांडेंट और अन्य सुरक्षा अधिकारियों ने पिछले कुछ दिनों में प्रदर्शनकारियों के साथ कई बार बातचीत की, लेकिन इसका अभी तक समाधान नहीं हुआ।