पटना। वक्फ कानून के खिलाफ बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में रविवार को बड़ा प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन बिहार के बड़े मुस्लिम संगठन इमारत ए शरिया की ओर से आयोजित हुआ था लेकिन उसमें बिहार की सभी विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हुए। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने सभा को संबोधित किया। पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव भी प्रदर्शन में शामिल हुए। कांग्रेस ने दिल्ली से सलमान खुर्शीद और इमरान प्रतापगढ़ी को इसमें शामिल होने के लिए भेजा था।
गौरतलब है कि बिहार में चार महीने के बाद विधानसभा के चुनाव हैं। उससे पहले एक बार फिर वक्फ कानून के खिलाफ आंदोलन तेज हो गया है। पहलगाम कांड और ऑपरेशन सिंदूर की वजह से इसे बीच में रोक दिया गया था। बहरहाल, रविवार के विरोध प्रदर्शन में तेजस्वी यादव ने कहा कि हिंदू, मुसलमान सहित सभी धर्मों के लोगों ने मिलकर स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया था। सब लोगों ने इस देश की आजादी के लिए कुर्बानी दी। उन्होंने कहा, ‘यह देश किसी के बाप का नहीं है। यह हमलोगों का देश है। लेकिन, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप सभी का हक छीना जा रहा है’।
तेजस्वी यादव ने दावा किया कि अब भाजपा सत्ता से जा रही है। इसलिए गरीब, दलित, पिछड़े, अति पिछड़े और अल्पसंख्यकों का हक छीनना चाहती है। उन्होंने मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण अभियान का मुद्दा उठाया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव आयोग को बिहार की समस्त मतदाता सूची को निरस्त कर केवल 25 दिन में 1987 से पहले के कागजी सबूतों के साथ नई मतदाता सूची बनाने का निर्देश दिया है। चुनावी हार की बौखलाहट में ये लोग अब बिहार और बिहारियों से मतदान का अधिकार छीनने का षड्यंत्र कर रहे हैं।