नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 से मिली विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए गरीब दलित छात्र गौतम कुमार का दाखिला आईआईटी धनबाद में करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 30 सितंबर को दाखिले का आदेश देते हुए कहा- प्रतिभाशाली छात्रों को निराश नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे टैलेंट को जाने नहीं दे सकते। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने आदेश देते हुए कोर्ट में मौजूद छात्र से कहा, ‘ऑल द बेस्ट, अच्छा करिए’।
गौरतलब है कि अतुल को पैसों की तंगी की वजह से दाखिला नहीं मिल पाया था। वह समय पर फीस के साढ़े 17 हजार रुपए नहीं जुटा पाया था। जब पैसों का इंतजाम हुआ, तो फीस जमा करने का समय निकल चुका था। इसलिए उसे दाखिला नहीं मिला। लेकिन अतुल ने हार नहीं मानी। उसने पहले झारखंड हाई कोर्ट, फिर मद्रास हाई कोर्ट में अपील की। आखिरी में वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
गौतम का मामला सुनने के बाद अदालत ने कहा- हम ऐसे युवा प्रतिभाशाली लड़के को ऐसे गंवा नहीं सकते। वह झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण गया। फिर वह चेन्नई विधिक सेवा प्राधिकरण गया और फिर उसे उच्च न्यायालय भेजा गया। वह एक दलित लड़का है, जिसे दर दर भटकना पड़ रहा है। अदालत ने कहा- वह एक दिहाड़ी मजदूर का बेटा है। वह एक बेहतरीन स्टूडेंट है, उसे तकनीक की अच्छी जानकारी है। कोर्ट ने फैसले में छात्र को हॉस्टल सहित सभी सुविधाएं देने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो छात्र आईआईटी धनबाद में दाखिला ले चुके हैं, उनके दाखिले पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा, बल्कि छात्र को अतिरिक्त सीट पर एडमिशन दिया जाएगा।