नई दिल्ली। हेट स्पीच के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से तीन हफ्ते में स्टैटस रिपोर्ट देने को कहा है। साथ ही अदालत ने भड़काऊ और नफरत फैलाने वाले भाषणों के मामले में सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सरकार से कहा है कि नफरती भाषणों और उससे होने वाली हिंसा से निपटने के लिए सरकार को व्यवहारिक और शीघ्र सख्त कदम उठाने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- इसके लिए हम अपने फैसले में कुछ बदलाव या ढिलाई नहीं करेंगे। हम उसमें कुछ जोड़ेंगे।
सर्वोच्च अदालत ने सभी राज्यों से नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने और सीसीटीवी लगाने आदि के बारे में जानकारी भी मांगी। अदालत ने कहा कि सभी जिलों में डीसीपी के नेतृत्व वाली कमेटी होनी चाहिए और जहां भी चार या पांच से अधिक मामले हों, डीसीपी नोडल अधिकारी को सूचित करें। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक समिति बनाई जाए कि कोई हेट स्पीच ना हो।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हम चाहते हैं कि निर्देशों का सही सही पालन हो। निर्देशों का पालन न होने की सूरत में याचिकाकर्ता हाई कोर्ट जा सकते हैं। अदालत ने सार्वजनिक आयोजनों की जगहों पर सीसीटीवी लगाने या वीडियो रिकॉर्डिंग कराने के निर्देश दिए। पीठ की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस संजीव खन्ना ने सभी राज्यों से सीसीटीवी लगाने और नोडल अफसरों को नियुक्ति के आदेश की अनुपालन की जानकारी मांगी। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरलों को राज्यों से ये जानकारी जुटा कर कर सुप्रीम कोर्ट को तीन हफ्ते में स्टैटस रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी सौंपी है। जो राज्य नहीं कर पाए हैं उनको भी हलफनामे में इसकी जानकारी देने को कहा गया है।