नई दिल्ली। कर्नाटक हाई कोर्ट के एक जज की आपत्तिजनक टिप्पणी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जजों को हिदायत दी कि वे किसी समुदाय पर टिप्पणी करते वक्त लापरवाही ना बरतें। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने बुधवार को कर्नाटक हाई कोर्ट के जज की उस विवादित टिप्पणी पर सुनवाई की, जिसमें जज ने बेंगलुरु के एक हिस्से को पाकिस्तान कह दिया था। जज ने महिला वकील पर भी टिप्पणी की थी।
चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान कहा- आप देश के किसी हिस्से को पाकिस्तान नहीं कह सकते हैं। यह देश की एकता के मौलिक सिद्धांत के खिलाफ है। गौरतलब है कि कर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस वी श्रीशनंदा के इस कमेंट का वीडियो वायरल हो गया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने खुद इस मामले की सुनवाई शुरू की। वीडियो के वायरल होने के बाद कर्नाटक हाई कोर्ट ने बिना परमिशन के कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक लगा दी थी।
इसे लेकर चीफ जस्टिस ने कहा- कोर्ट की प्रक्रिया में अधिकतम पारदर्शिता लाने के लिए उसे ज्यादा से ज्यादा प्रकाश में लाने की जरूरत है। कोर्ट में जो कुछ भी होता है उसे दबाना नहीं चाहिए। सब कुछ बंद कर देना नहीं है। इसके बाद जस्टिस श्रीशनंदा ने सुप्रीम कोर्ट से माफी मांग ली। चीफ जस्टिस की बेंच ने माफी मंजूर करते हुए केस बंद कर दिया है।
लेकिन इससे पहले सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस की बेंच ने कहा- लापरवाह तरीके से किए गए कमेंट किसी व्यक्ति का पक्षपातपूर्ण नजरिया बताते हैं, खासतौर से तब जब वे किसी जेंडर या कम्युनिटी पर किए गए हों। सुनवाई के दौरान जज ऐसे कमेंट से बचें, जो किसी समुदाय के खिलाफ हों या उसे नुकसान पहुंचाने वाला हो। इस केस को हम बंद कर रहे हैं, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक एज के दौर में जजों और वकीलों को उचित कमेंट करना चाहिए और अपने व्यवहार को इस दौर के मुताबिक ढालना चाहिए।