लखनऊ। उत्तर प्रदेश के संभल की शाही जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट अदालत में दाखिल कर दी गई है। सर्वे के बाद हुई हिंसा की वजह से विवादों में आई इस मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट चंदौसी कोर्ट में दाखिल की गई है। गुरुवार को कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने करीब 45 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी है। इसके साथ करीब साढ़े चार घंटे की वीडियोग्राफी और 12 सौ से अधिक फोटो भी अदालत को दिए गए हैं।
जानकार सूत्रों का कहना है कि जामा मस्जिद में मंदिर होने के सबूत मिले हैं। मस्जिद में 50 से अधिक फूल, निशान और कलाकृतियां मिली हैं। अंदर दो वट वृक्ष भी बताए जा रहे हैं। मस्जिद के अंदर एक कुआं है, जिसका आधा हिस्सा मस्जिद के अंदर और आधा हिस्सा बाहर है। बाहर वाले हिस्से को ढक दिया गया है। दावा किया गया है कि पुराने ढांचे को बदला गया है। जिन जगहों पर पुराने ढांचे हैं, वहां नए निर्माण के सबूत मिले हैं। बताया जा रहा है कि सर्वे रिपोर्ट में कह गया है कि मंदिरों में मिलने वाली संरचना या कलाकृति जैसे दरवाजे, झरोखे और अलंकृत दीवारें मिली हैं लेकिन उन पर प्लास्टर लगाकर पेंट कर दिया गया है। मस्जिद के भीतर जहां बड़ा गुंबद है, उस पर झूमर को तार से बांधकर एक चेन से लटकाया गया है। ऐसी चेन का इस्तेमाल मंदिरों में घंटों को लटकाने में किया जाता है।
गौरतलब है कि शाही जामा मस्जिद को श्रीहरिहर मंदिर बताने वाली याचिकाओं की जांच के लिए संभल के सिविल कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर को जिम्मेदारी दी थी। पिछले साल 19 नवंबर की शाम करीब डेढ़ घंटे सर्वे चला था। इसके बाद 24 नवंबर की सुबह टीम ने कई घंटे सर्वे किए। उसी दिन हिंसा हो गई, जिसमें गोली लगने से पांच लोग मारे गए थे। बहरहाल, कोर्ट कमिश्नर ने गुरुवार को कहा, ‘आज रिपोर्ट पूरी कर कोर्ट में पेश की गई। रिपोर्ट 40 से 45 पन्नों की है। इसे सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में पेश किया गया। हमने दो दिन सर्वे किया था। सर्वे में जो भी फोटो, वीडियो मिले थे, उसके आधार पर रिपोर्ट सिविल डिवीजन जज आदित्य सिंह के कोर्ट में जमा कर दी गई है। जब भी रिपोर्ट ओपन होगी, सारी जानकारी सामने आएगी’।