नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिलने का विवाद और बढ़ गया है। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एक लैब रिपोर्ट के हवाले से यह आरोप लगाया है। इस पर केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है। असल में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने 18 सितंबर को कहा था कि जगन मोहन रेड्डी की सरकार के समय लड्डू बनाने में घी की जगह मछली का तेल और जानवरों की चर्बी मिलाई जाती थी। जगन मोहन की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने इसका खंडन किया है।
अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को कहा- मैंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से बात की है। मंदिर के प्रसाद की जांच कराई जाएगी। इससे पहले नायडू के आरोप लगाने के एक दिन बाद उनकी पार्टी ने एक लैब रिपोर्ट दिखाकर उनके आरोपों की पुष्टि का दावा किया। इसके खिलाफ वाईएसआर कांग्रेस ने हाई कोर्ट से नायडू के आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी बनाने की मांग की। कोर्ट इस पर 25 सितंबर को सुनवाई करेगा। बताया जा रहा है कि टीडीपी नेता जिस लैब रिपोर्ट का हवाला दे रहे हैं उसमें यह नहीं कहा गया है कि सैंपल कहां का है।
बहरहाल, इस विवाद से करोड़ों श्रद्धालुओं की भावना आहत हुई है। गौरतलब है कि तिरुपति मंदिर हर दिन साढ़े तीन लाख के करीब लड्डू बनते हैं। तिरुमाला ट्रस्ट हर साल प्रसादम से पांच सौ करोड़ रुपए कमाता है। इसमें मिलावट को लेकर टीडीपी ने कहा है कि पिछले पांच साल में जगन मोहन सरकार और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने तिरुमाला की पवित्रता को धूमिल किया। इस बीच मंदिर प्रशासन ने इसकी जांच के लिए चार सदस्यों की एक कमेटी बनाई है।