West Bengal News :- पश्चिम बंगाल में आगामी पंचायत चुनाव को लेकर जारी हिंसा में एक स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता के भतीजे की एक देशी बम विस्फोट में मौत हो गई है। इसके साथ ही चुनाव पूर्व हिंसा में मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 15 हो गई। यह विस्फोट मंगलवार रात उत्तर 24 परगना जिले के देगंगा में सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के बीच हुआ। पीड़ित की पहचान इब्राम हुसैन (17) के रूप में हुई है, जो तृणमूल कांग्रेस नेता मोहम्मद अरसादुल हक का भतीजा है। गत 8 जून को ग्रामीण निकाय चुनाव के लिए मतदान की तारीख घोषित होने के बाद से चुनावी हिंसा में 15 मौतें हो चुकी हैं। मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए, हक ने दावा किया कि उन पर और उनके भतीजे पर माकपा और ऑल इंडिया सेक्युलर फ्रंट (एआईएसएफ) कार्यकर्ताओं की संयुक्त टीम ने उस समय हमला किया जब वे मंगलवार रात घर लौट रहे थे।
उन्होंने कहा उन्होंने देसी बम हमारी ओर फेंके, जिससे मेरे भतीजे की मौत हो गई। मेरी प्रशासन से अपील है कि हत्यारों को गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। हालांकि, राज्य विधानसभा में एआईएसएफ के एकमात्र प्रतिनिधि नौशाद सिद्दीकी ने आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना सत्तारूढ़ दल में अंदरूनी कलह का परिणाम थी। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन ने कहा कि यह विपक्षी दलों की प्रवृत्ति बन गई है कि पहले सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमला करें और उन्हें मारें और फिर लोगों को गुमराह करने के लिए राज्य में हिंसा का रोना रोएं। पुलिस ने बुधवार सुबह हत्या के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया।
उन्हें बाद में उत्तर 24 परगना के बारासात की एक निचली अदालत में पेश किया जाएगा। यह घटना राज्य के डीजीपी मनोज मालवीय द्वारा हिंसा और झड़प की घटनाओं को छिटपुट बताए जाने के एक दिन बाद हुई है। मालवीय ने कहा था हिंसा और झड़प की छिटपुट घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। कुछ घटनाएं हुई थीं, जहां पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की थी। हम दिशा-निर्देशों के अनुसार काम कर रहे हैं। स्थिति काफी नियंत्रण में है और हिंसा की घटनाओं में कमी आई है। मीडिया छोटी-छोटी घटनाओं को बड़ा बताकर पेश कर रहा है। यह सही नहीं है। पंचायत चुनाव शनिवार को होंगे और वोटों की गिनती 11 जुलाई को होगी। (आईएएनएस)