नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खराब नीति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की ओर से भेजे गए समन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे अवैध बताया है और वापस लेने की मांग की है। उन्होंने ईडी के समन पर सवाल उठाते हुए दो पन्नों की एक चिट्ठी लिखी है। ईडी ने उनको समन भेज कर दो नवंबर को हाजिर होने के लिए कहा था लेकिन वे ईडी के सामने हाजिर होने की बजाय चुनाव प्रचार के लिए मध्य प्रदेश चले गए।
इससे पहले उन्होंने ईडी को पत्र लिखकर समन वापस लेने के लिए कहा। उन्होंने लिखा- ईडी का नोटिस अवैध और राजनीति से प्रेरित है, जो बीजेपी के इशारे पर भेजा गया है। केजरीवाल ने दो पन्नों की चिट्ठी में कहा है- समन में यह साफ नहीं किया गया है कि मुझे एक व्यक्ति के रूप में बुलाया जा रहा है या दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में या आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में मेरी आधिकारिक क्षमता में बुलाया जा रहा है। इस पूछताछ की प्रकृति मछली पकड़ने जैसी प्रतीत होती है।
उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि समन में यह भी स्पष्ट नहीं है कि उन्हें आरोपी के रूप में बुलाया जा रहा है या किसी और रूप में। उन्होंने आगे लिखा- जिस दिन ईडी द्वारा समन जारी किया गया उस दिन भाजपा नेताओं ने बयान देना शुरू किया कि मुझे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि उनकी छवि खराब करने के लिए 30 अक्टूबर की शाम को ही भाजपा नेताओं को ईडी का समन लीक किया गया। उन्होंने लिखा है- 30 अक्टूबर की दोपहर मनोज तिवारी ने बयान दिया था कि मुझे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। केजरीवाल की पार्टी ने यह आरोप भी लगाया है कि पांच राज्यों के चुनाव में उनको प्रचार से रोकने के लिए यह समन जारी किया गया है।