नई दिल्ली। अदालत में हुई सुनवाई का वीडियो सोशल मीडिया में डालने से नाराज हाई कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को वीडियो हटाने का आदेश दिया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने शनिवार को सुनीता केजरीवाल को यह आदेश दिया और साथ ही सोशल मीडिया कंपनियों एक्स, मेटा और यूट्यूब सहित पांच को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। अगली सुनवाई नौ जुलाई को होगी।
यह वीडियो शराब नीति केस में केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद का है, जब उन्होंने कोर्ट के सामने खुद अपना पक्ष रखा था। इसकी सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सोशल मीडिया कंपनियों से कहा- जिन लोगों ने इन वीडियो को रिपोस्ट किया है उसे भी डिलीट किया जाए। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा और अमित शर्मा की बेंच ने कहा कि ये वीडियो हाई कोर्ट के वीडियो कांफ्रेंसिंग के नियमों के खिलाफ है। सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद वकील वैभव सिंह ने एक याचिका दायर की थी।
याचिकाकर्ता ने कहा था- अरविंद केजरीवाल को शराब नीति केस में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद 28 मार्च को ट्रायल कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान उन्होंने अदालत में खुद अपना पक्ष रखा था। इसके बाद सुनीता ने कोर्ट की कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की थी। उन्होंने कहा- यह दिल्ली हाई कोर्ट के वीडियो कांफ्रेंसिंग नियम, 2021 के तहत प्रतिबंधित है। वीडियो पोस्ट करके ट्रायल कोर्ट के जजों की जान खतरे में डालने की कोशिश की गई है। इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन होना चाहिए और एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वीडियो रिपोस्ट करने वाले लोग आम आदमी पार्टी से जुड़े थे। इन्होंने जान बूझकर अदालत को बदनाम करने की कोशिश की। इनके खिलाफ भी जुर्माना लगाया जाना चाहिए।