नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के एक दिन बाद गुरुवार को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। मध्य प्रदेश के 39 ओर छत्तीसगढ़ के 21 प्रत्याशियों का ऐलान किया गया है। मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ दलबदल करने वाले कांग्रेस के एक नेता की टिकट कट गई है, जिसके बाद सिंधिया खेमे में बेचैनी है। दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को घेरने के लिए भाजपा ने बड़ा दांव चला है।
छत्तीसगढ़ की पाटन सीट से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ उनके रिश्तेदार विजय बघेल को उतारा गया है। वे दुर्ग से पार्टी के सांसद हैं। विजय बघेल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भतीजे हैं। सो, अब पाटन में काका-भतीजे का मुकाबला होगा। गौरतलब है कि दिल्ली में एक दिन पहले यानी 16 अगस्त को ही केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई थी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित सभी 15 सदस्य शामिल हुए थे।
बहरहाल, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की 39 प्रत्याशियों की पहली सूची उन सीटों की है, जहां भाजपा पिछली बार चुनाव हारी थी। बताया जा रहा है कि केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में कमजोर सीटों को लेकर चर्चा हुई थी और उसके बाद यह सूची जारी कर दी गई है। इन सभी सीटों पर फिलहाल कांग्रेस का कब्जा है। इनमें भी ज्यादातर वो सीटें है, जहां बीजेपी लगातार दो बार से चुनाव हार रही है।
भाजपा की पहली सूची में ग्वालियर चम्बल अंचल की 34 में से छह सीटें शामिल हैं और सभी पर पहले चुनाव हार चुके उम्मीदवारों पर ही पार्टी ने दांव लगाया है। जिनके नाम घोषित किए गए हैं वे सभी 2018 में चुनाव हार गए थे। इस सूची से सिंधिया समर्थकों में बेचैनी बढ़ी है। गोहद सीट पर ङाजपा ने अपने अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य का नाम घोषित कर दिया है। 2018 के चुनाव में कांग्रेस के रणवीर जाटव ने आर्य को हराया था। बाद में जाटव पाला बदल कर भाजपा के साथ चले गए और उपचुनाव लड़े लेकिन हार गए। इस बार भाजपा ने उनकी टिकट काट कर अपने पुराने नेता आर्य पर भरोसा जताया है।