नई दिल्ली। भारत ने चीन के इस दावे को खारिज किया है कि दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनफिंग के बीच बातचीत भारत के अनुरोध पर हुई थी। भारत ने कहा कि हकीकत इससे उलट है। दोनों नेताओं की बातचीत चीन के अनुरोध पर हुई है। विदेश मंत्रालय के जानकार सूत्रों ने चीन की ओर से किए गए दावे को खारिज किया है और कहा है कि चीन का अनुरोध लंबित था। गौरतलब है कि जोहान्सबर्ग में दोनों नेताओं ने सीमा विवाद सुलझाने के लिए प्रयास करने पर सहमति जताई थी।
गौरतलब है कि चीन ने दावा किया कि दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग के साथ बैठक भारत के अनुरोध पर हुई थी। सरकार के जानकार सूत्रों ने इसका खंडन किया। सूत्रों की ओर से कहा गया है कि चीनी पक्ष से एक लंबित अनुरोध था। सरकारी सूत्रों ने कहा है- चीनी पक्ष की ओर से दोपक्षीय बैठक का अनुरोध लंबित था। बताया गया कि इसके बावजूद दोनों नेताओं ने जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान लीडर्स लाउंज में अनौपचारिक बातचीत की।
हालांकि बाद में चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रपति शी जिनफिंग ने 23 अगस्त को भारत के अनुरोध पर ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी। भारत के शीर्ष सरकारी सूत्रों ने इसका खंडन किया है। गौरतलब है कि भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने गुरुवार को बताया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर बातचीत के दौरान शी जिनफिंग को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अनसुलझे मुद्दों के संबंध में भारत की चिंताओं के बारे में बताया। बैठक में दोनों नेता वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तेजी से तनाव कम करने के लिए काम करने पर सहमत हुए।