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दक्षिण अफ्रीका पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी

जोहान्सबर्ग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच देशों- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के समूह ब्रिक्स के 15वें सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार को दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग पहुंचे। वॉटरक्लूफ हवाईअड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का रेड कारपेट पर स्वागत हुआ। दक्षिण अफ्रीका के उप राष्ट्रपति ने मोदी की आगवानी की। प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में पारंपरिक आदिवासी डांस की प्रस्तुति भी हुई। 

इस दौरान पीएम ने वहां मौजूद भारतीय मूल के लोगों से भी मुलाकात की। एक भारतीय महिला ने प्रधानमंत्री मोदी को राखी बांधी। इस बार का ब्रिक्स सम्मेलन बहुत अहम है क्योंकि बड़ी संख्या में देशों ने इसका हिस्सा बनने की इच्छा जताई है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग भी ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के लिए जोहान्सबर्ग पहुंच चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी 24 अगस्त तक जोहान्सबर्ग शहर में रहेंगे। इस दौरान वे कुछ सदस्य देशों के साथ दोपक्षीय बातचीत भी करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग दोनों ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं लेकिन सम्मेलन से इतर दोनों की मुलाकात को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। हालांकि जिस तरह से चार महीने के बाद दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की वार्ता हुई और उसके तुरंत बाद मेजर जनरल स्तर की भी वार्ता हुई उसे देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हो सकती है। इससे पहले दोनों नेता बाली में जी-20 की बैठक के दौरान मिले थे। इस बारे में पिछले दिनों ही जानकारी दी गई।

बहरहाल, इस बार ब्रिक्स की बैठक में 45 मेहमान देश शामिल हो सकते हैं। इनमें सऊदी अरब, तुर्किये, पाकिस्तान और ईरान भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इस बार की बैठक का मुख्य मुद्दा समूह का विस्तार ही होगा। हालांकि, इसके पांच सदस्य देशों के बीच अभी इस मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई है। सम्मेलन के बाद अफ्रीका आउटरीच और ब्रिक्स प्लस डायलॉग किया जाएगा। इसमें दक्षिण अफ्रीका की ओर से आमंत्रित अन्य देश शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका के बाद 25 अगस्त को यूनान के अपने समकक्ष क्यारीकोस मित्सोताकिस के निमंत्रण पर एथेंस जाएंगे। इससे पहले प्रधानमंत्रई ने कहा- मुझे पिछले 40 सालों में यूनान की यात्रा करने वाला पहला भारतीय प्रधानमंत्री बनने का सम्मान प्राप्त होगा। गौरतलब है कि पिछले 40 साल से कोई प्रधानमंत्री यूनान के दौरे पर नहीं गया है। 

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