नई दिल्ली। चंद्रयान-तीन अब चंद्रमा के बिल्कुल करीब पहुंच गया है। गुरुवार को इसका लैंडर विक्रम चंद्रयान से अलग हो गया और अब इसके चंद्रमा पर उतरने का इंतजार है। उड़ान भरने के बाद यह पांचवीं और आखिरी कवायद थी, जिसे चंद्रयान ने सफलतापूर्वक पूरा किया। प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने के बाद लैंडर विक्रम ने उससे कहा- यात्रा के लिए धन्यवाद दोस्त! पांच दिन के बाद 23 अगस्त को लैंडर विक्रम चंद्रमा पर उतरेगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो ने गुरुवार को कहा कि चंद्रयान-तीन का लैंडर मॉड्यूल और प्रोपल्शन मॉड्यूल सफलतापूर्वक अलग हो गए हैं। अब लैंडर मॉड्यूल शुक्रवार को चंद्रमा के आसपास की थोड़ी निचली कक्षा में उतरेगा। ध्यान रहे लैंडर मॉड्यूल में लैंडर और रोवर होते हैं। इसरो ने 17 अगस्त को दोपहर सवा बजे बजे चंद्रयान-तीन के प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर और रोवर से अलग कर दिया।
अब प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स का अध्ययन करेगा, जबकि लैंडर व रोवर 23 अगस्त को शाम पौने छह बजे के करीब चंद्रमा की सतह पर उतरेंगे। यहां वो 14 दिन तक पानी की खोज सहित अन्य प्रयोग करेंगे। बहरहाल, इसरो ने बताया कि लैंडर और प्रोपल्शन मॉड्यूल के अलग होने के बाद अब शुक्रवार शाम करीब चार बजे लैंडर को डीबूस्टिंग के जरिए थोड़ी निचली कक्षा में लाया जाएगा।
गौरतलब है कि 22 दिन के सफर के बाद चंद्रयान पांच अगस्त को शाम करीब सवा सात बजे चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा था। तब उसकी स्पीड कम की गई थी ताकि यान चंद्रमा की ग्रैविटी में कैप्चर हो सके। स्पीड कम करने के लिए इसरो वैज्ञानिकों ने यान के फेस को पलटकर थ्रस्टर 1,835 सेकेंड यानी करीब आधे घंटे के लिए फायर किए। ये फायरिंग शाम 7:12 बजे शुरू की गई थी।