नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों के राष्ट्र प्रमुख नई दिल्ली पहुंच चुके हैं और दिल्ली भी जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए पूरी तरह से तैयार है। शनिवार को दो दिन के शिखर सम्मेलन की शुरुआत होगी। इसमें हिस्सा लेने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग सहित सभी सदस्य देशों के नेता दिल्ली पहुंचे हैं। दो दिन के इस शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन से लेकर व्यापार के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भी चर्चा हो सकती है। सम्मेलन से पहले भारत ने कहा है कि साझा बयान का मसौदा लगभग तैयार हो चुका है। इसे सम्मेलन के दूसरे दिन यानी रविवार को स्वीकार किया जाएगा।
जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए विदेशी मेहमानों के आने का सिलसिला छह सितंबर से ही शुरू हो गया था। आठ सितंबर यानी शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री, चीन के प्रधानमंत्री, इटली की प्रधानमंत्री, जापान के प्रधानमंत्री, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री सहित तमाम देशों के नेता देर रात तक दिल्ली पहुंचे। इससे पहले दिन में भारत पहुंचे तीन नेताओं के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने दोपक्षीय वार्ता की। अगले दो दिन में वे 12 और नेताओं के साथ दोपक्षीय वार्ता करेंगे।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ नई दिल्ली पहुंचे हैं। उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने रिसीव किया। प्रधानमंत्री बनने के बाद सुनक पहली बार भारत आए हैं। शुक्रवार की शाम को प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगनाथ से मुलाकात की। इसके बाद वे बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मिले। दोनों के बीच करीब आधे घंटे बातचीत हुई। इसके बाद देर शाम अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन उनके आवास सात, लोक कल्याण मार्ग पहुंचे, जहां दोनों के बीच दोपक्षीय वार्ता हुई।
सम्मेलन शुरू होने से एक दिन पहले शुक्रवार को जी-20 के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा- भारत को इस संगठन की अध्यक्षता चुनौतीपूर्ण समय में मिली है। दुनिया आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रही है। उन्होंने आगे कहा- भारत ने महसूस किया कि हमें अपनी अध्यक्षता वसुधैव कुटुंबकम यानी दुनिया एक परिवार है की थीम के साथ शुरू करनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने जी-20 की अध्यक्षता भारत को मिलने के बारे में कहा कि भारत की अध्यक्षता समावेशी, निर्णायक और महत्वाकांक्षी होनी चाहिए। हम इस पर खरे उतरे हैं।
बहरहाल, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग जी-20 सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत नहीं आए हैं। रूस की ओर से विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव प्रतिनिधित्व करेंगे, जबकि चीन की ओर से प्रधानमंत्री ली कियांग भारत की यात्रा पर आए हैं। इस बीच देश की राजधानी दिल्ली जी-20 की मेजबानी के लिए पूरी तरह से तैयार है। शुक्रवार की सुबह पांच बजे से पूरी दिल्ली में सख्त यातायात नियम लागू हो गए, जो रविवार रात 11 बजकर 59 मिनट तक जारी रहेंगे। चप्पे चप्पे पर सुरक्षा के जवान तैनात किए गए हैं जमीन से आसमान तक हर गतिविधि तक नजर रखी जा रही है। सम्मेलन की शुरुआत सुबह साढ़े नौ बजे प्रगति मैदान के भारत मंडपम में होगी। दो दिन तक दुनिया के देश वन अर्थ, वन फैमिली और वन फ्यूचर की थीम पर विचार करेंगे। इसमें जलवायु परिवर्तन, आर्थिक सहयोग और गरीबी जैसी कुछ गंभीर मुद्दों पर चर्चा होगी। इस दौरान यूक्रेन और रूस युद्ध पर भी चर्चा संभव है।